जम्मू: पहलगाम आतंकी हमले के बाद पैदा हुए तनाव को देखते हुए जम्मू-कश्मीर के अस्पतालों में हाई अलर्ट जारी किया गया है। चिकित्सा स्टाफ की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं, जबकि एलओसी और सीमा क्षेत्रों में अतिरिक्त डॉक्टरों व नर्सों की तैनाती की गई है। संवेदनशील इलाकों में एंबुलेंस की संख्या बढ़ाई गई है, और जीएमसी सहित शहरी अस्पतालों में आपात सेवाओं को मजबूत किया गया है।
भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और सीमा पर संभावित गोलाबारी की आशंका को ध्यान में रखकर ये कदम उठाए गए हैं। पिछले कुछ दिनों में पाकिस्तान ने सीजफायर का उल्लंघन किया है, जिससे कठुआ, सांबा, जम्मू, पुंछ और उड़ी जैसे सीमावर्ती क्षेत्रों में खतरा बढ़ गया है। स्वास्थ्य निदेशक जम्मू डॉ. अब्दुल हमीद जरगर ने बताया कि खास तौर पर सीमा और एलओसी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ किया गया है, जबकि जीएमसी जम्मू में भी विशेष इंतजाम किए गए हैं।
इसी बीच, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सिंधु जल संधि पर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा, “हमने कभी इस संधि का समर्थन नहीं किया, क्योंकि यह जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए सबसे नुकसानदायक रही है।” पहलगाम हमले के बाद भारत सरकार ने 1960 की इस संधि को तत्काल निलंबित करने का फैसला लिया है, जिससे पाकिस्तान में जल संकट की आशंका है। जल शक्ति मंत्री की सचिव देबाश्री मुखर्जी ने पाकिस्तानी जल संसाधन मंत्रालय को पत्र लिखकर इस फैसले की जानकारी दी है।