स्वदेशी शक्ति की उड़ान: तेजस एमके-1ए ने भरी पहली उड़ान, आत्मनिर्भर भारत के आसमान में नई ऊंचाई

नासिक : भारत की रक्षा ताकत को नई उड़ान मिली है। देश में निर्मित स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस एमके-1ए (Tejas Mk-1A) ने शुक्रवार को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के नासिक स्थित एयरक्राफ्ट मैन्युफैक्चरिंग डिविजन से अपनी पहली उड़ान सफलतापूर्वक पूरी की। यह क्षण भारत के रक्षा उत्पादन इतिहास में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित हुआ। इस ऐतिहासिक अवसर के साक्षी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी रहे, जिन्होंने तेजस एमके-1ए की पहली उड़ान के साथ एचएएल की तीसरी प्रोडक्शन लाइन और एचटीटी-40 विमान की दूसरी प्रोडक्शन लाइन का उद्घाटन किया।
आत्मनिर्भरता और क्षमता का प्रतीक
इस मौके पर रक्षा मंत्री ने कहा,आज जब मैंने सुखोई Su-30, एलसीए तेजस और HTT-40 को एक साथ उड़ान भरते देखा, तो मेरा सीना गर्व से चौड़ा हो गया। ये उड़ानें रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत की मिसाल हैं। नासिक आस्था, भक्ति और क्षमता का प्रतीक बन चुका है — और एचएएल इसकी शक्ति का प्रतीक है।” उन्होंने कहा कि एचएएल ने पिछले 60 वर्षों में देश की रक्षा निर्माण क्षमता को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
‘घरेलू रक्षा निर्माण को 100 प्रतिशत तक ले जाएंगे’
रक्षा मंत्री ने बताया कि एक समय भारत को अपनी रक्षा जरूरतों के लिए लगभग 70 प्रतिशत तक आयात पर निर्भर रहना पड़ता था, लेकिन अब यह स्थिति बदल चुकी है। आज भारत अपने 65 प्रतिशत रक्षा उपकरणों का निर्माण खुद कर रहा है, और बहुत जल्द हम इसे 100 प्रतिशत तक ले जाएंगे,” उन्होंने कहा।
राजनाथ सिंह ने बताया कि भारत का रक्षा निर्यात रिकॉर्ड अब 25 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है, जो कुछ साल पहले 1,000 करोड़ रुपये से भी कम था।उन्होंने बताया कि सरकार ने 2029 तक 3 लाख करोड़ रुपये के घरेलू रक्षा निर्माण और 50 हजार करोड़ रुपये के निर्यात का लक्ष्य निर्धारित किया है।
चार वर्षों में वायुसेना को मिलेंगे 83 तेजस Mk-1A विमान
एचएएल ने बताया कि आने वाले चार वर्षों में भारतीय वायुसेना को 83 तेजस एमके-1ए विमान सौंपे जाएंगे। नासिक की नई प्रोडक्शन लाइन शुरू होने के बाद, हर वर्ष 24 लड़ाकू विमानों का उत्पादन किया जा सकेगा। वर्तमान में बेंगलुरु स्थित दो लाइनों से हर साल 16 विमान तैयार हो रहे हैं, जबकि नासिक यूनिट की क्षमता प्रति वर्ष 8 विमानों की है।
तेजस Mk-1A: स्वदेशी तकनीक का प्रतीक
तेजस Mk-1A एक उन्नत, बहुउद्देश्यीय 4.5 पीढ़ी का स्वदेशी लड़ाकू विमान है, जिसे एचएएल ने सभी मौसमों में संचालन योग्य बनाया है।इसमें कई अत्याधुनिक विशेषताएं शामिल हैं, इस्राइली EL/M-2052 AESA रडार, उन्नत इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट (जैमर सहित) और बियॉन्ड विजुअल रेंज (BVR) मिसाइल क्षमता।
यह विमान उच्च खतरे वाले हवाई अभियानों में दुश्मनों पर सटीक प्रहार करने की क्षमता रखता है। तेजस की यह उड़ान सिर्फ तकनीक की नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत के संकल्प की उड़ान है।
— रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
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