इमरान प्रतापगढ़ी मामले में सुप्रीम कोर्ट की कड़ी टिप्पणी, अगली बार दिमाग लगाकर आना

नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। गुजरात पुलिस ने उनके खिलाफ एक गाने को लेकर एफआईआर दर्ज की थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि गाने के बोल भड़काऊ, राष्ट्रीय एकता के लिए हानिकारक और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले हैं। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में गुजरात पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए प्रतापगढ़ी को राहत दी है।

क्या था मामला?

इमरान प्रतापगढ़ी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें वे हाथ हिलाते हुए चल रहे थे और उन पर फूलों की पंखुड़ियां बरसाई जा रही थीं। इस 46 सेकंड के वीडियो में बैकग्राउंड में एक गाना बज रहा था। गुजरात पुलिस ने इसी गाने को लेकर प्रतापगढ़ी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। पुलिस का आरोप था कि गाने के बोल भड़काऊ हैं और यह राष्ट्रीय एकता के लिए हानिकारक है।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में गुजरात पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि गुजरात उच्च न्यायालय ने एफआईआर को रद्द करने के लिए प्रतापगढ़ी की याचिका को खारिज कर दिया था, लेकिन कविता के अर्थ की सही तरीके से व्याख्या नहीं की। न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्जवल भूइयां की पीठ ने कहा, “अंतत: यह एक कविता है। यह किसी भी धर्म के खिलाफ नहीं है। यह कविता परोक्ष रूप से कहती है कि भले ही कोई हिंसा में शामिल हो, हम हिंसा में शामिल नहीं होंगे। कविता यही संदेश देती है। यह किसी विशेष समुदाय के खिलाफ नहीं है।”

अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद

राज्य के वकील द्वारा जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई तीन सप्ताह के लिए टाल दी है। शीर्ष अदालत ने राज्य के वकील से कहा है कि, ‘अगली बार दिमाग लगाकर अदालत में वापस आना’। इससे पहले, 21 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने प्रतापगढ़ी के खिलाफ कार्यवाही पर रोक लगा दी थी और उनकी अपील पर गुजरात सरकार और शिकायतकर्ता किशनभाई दीपकभाई नंदा को नोटिस जारी किया था।

गुजरात हाईकोर्ट का फैसला

कांग्रेस नेता इमरान प्रतापगढ़ी ने गुजरात उच्च न्यायालय के 17 जनवरी के आदेश को चुनौती दी थी, जिसने उनके खिलाफ दायर एफआईआर को रद्द करने की उनकी याचिका को खारिज कर दिया था। हाईकोर्ट ने कहा था कि जांच अभी प्रारंभिक चरण में है। प्रतापगढ़ी पर 3 जनवरी को गुजरात के जामनगर में एक सामूहिक विवाह समारोह के दौरान कथित उत्तेजक गीत के लिए मामला दर्ज किया गया था।

क्या है कांग्रेस का रुख?

कांग्रेस ने इस मामले में इमरान प्रतापगढ़ी का समर्थन किया है और गुजरात पुलिस की कार्रवाई को राजनीतिक रूप से प्रेरित बताया है। पार्टी का कहना है कि यह मामला अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से जुड़ा है और इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *