देहरादून। उत्तराखंड में मानसून की सक्रियता और लगातार सामने आ रही आपदाओं को देखते हुए शासन ने लोक निर्माण विभाग (PWD) के कर्मचारियों और अधिकारियों की छुट्टियों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। शासन की ओर से जारी निर्देशों के अनुसार अब केवल अपरिहार्य परिस्थितियों में जिलाधिकारी की स्वीकृति के बाद ही अवकाश स्वीकृत किया जाएगा।
PWD को मानसून के दौरान किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं। विशेष रूप से भूस्खलन संभावित क्षेत्रों को चिह्नित कर वहां जेसीबी, मशीनरी और जनशक्ति की तैनाती पहले से सुनिश्चित करने के आदेश दिए गए हैं। संकरी और क्षतिग्रस्त सड़कों तथा कमजोर पुलों की निगरानी करते हुए पहले से सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम करने को कहा गया है।
शासन ने यह भी निर्देशित किया है कि सभी कार्यदायी संस्थाएं स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर काम करें, ताकि आपदा की स्थिति में समय रहते राहत कार्य शुरू किए जा सकें। इसके अलावा यह भी संज्ञान में आया है कि विभागीय अभियंता एवं कर्मचारी अधिकांशतः अपने कार्यालयों में ही रहते हैं, जबकि मानसून काल में उन्हें अपने-अपने क्षेत्र में रहना अनिवार्य किया गया है।
नोडल अधिकारी तैनात
PWD की आपदा प्रबंधन रणनीति को मजबूत बनाने के लिए प्रमुख अभियंता कार्यालय से अधीक्षण अभियंता विजय कुमार को विभागीय नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। इसके साथ ही डीएस हयांकी, प्रभारी मुख्य अभियंता को भी नोडल अधिकारी की जिम्मेदारी सौंपी गई है। सभी जिलों में स्थानीय स्तर पर भी ऐसे ही नोडल अधिकारियों की नियुक्ति के निर्देश दिए गए हैं।
जरूरत पड़ी तो ट्रालियों की व्यवस्था भी
शासनादेश में कहा गया है कि यदि किसी स्थान पर भारी मलबा या दुर्गम मार्गों के कारण सामान्य परिवहन बाधित होता है, तो वहां मोटराइज्ड ट्राली जैसी वैकल्पिक परिवहन व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं।
इस बीच उत्तरकाशी से आई खबर के अनुसार बादल फटने की घटना के बाद लापता सात श्रमिकों का अभी तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है। खराब मौसम राहत और बचाव कार्यों में बड़ी चुनौती बनकर सामने आया है।
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