देहरादून: उत्तराखंड में 100 नगर निकायों के लिए आज वोट डाले जा रहे हैं। लोगों में वोटिंग को लेकर जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। वोटर सुबह से ही लाइनों में लग गए थे। लेकिन, बड़ी संख्या में वोटरों के नाम वोटर लिस्ट से गायब मिले। इससे लोगों में निराशा भी देखी गई। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत तक का नाम वोटर लिस्ट से गायब मिला। नगर निकाय चुनाव में 2 बजे तक 42.19 फीसदी वोटिंग हो चुकी है।
मतदान के दिन कई वोटर अपना वोट ढूंढने के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं. इसमें न केवल आम आदमी बल्कि बड़े ओहदे पर बैठ चुके पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी शामिल हैं। कई लोगों के परिवार के किसी भी सदस्य का नाम लिस्ट में नहीं है। लोग बूथों के चक्कर काटते रहे। लेकिन, उनका नाम नहीं मिल पाया।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का नाम वोटर लिस्ट में खोजा गया। अलग-अलग बूथों पर उन्होंने भी चक्कर लगाए, लेकिन कहीं भी उनका नमा नहीं था। यही स्थिति पहाड़ से लेकर मैदान तक देखने को मिली। इससे चुनाव आयोग के दावों की भी पोल खुल गई।
चुनाव आयोग बार-बार दावे कर रहा था कि सभी तरह से वोटर लिस्टों की जांच कर ली गई है। कई लोग ऐसे भी हैं, जो सालों से अपने बूथ पर बोट देते आ रहे है। लोकसभा चुनाव में भी मतदान किया था। लेकिन, अब पंचायत चुनावों के उनको नाम वोटर लिस्ट से गायब है। लोग सवाल कर रहे हैं कि आखिर ऐसे कैसे हो सकता ह?
कई लोग सवाल उठा रहे हैं कि उनके नाम वोटर लिस्ट से किसी आधार पर हटाए गए। एक तरफ वोटिंग के लिए जागरूक किया जा रहा है और जब मतदाता पोलिंग बूथ पर पहुंच रहा है, तो उसके वोट गायब है। इस स्थिति के लिए कोई जिम्मेदार है, इसकी जांच की जानी चाहिए।
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