उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में कौन बसा रहा है अवैध बस्तियां?

सरकार और नगर निगम देहरादून अतिक्रमण हटाने के तमाम दावे करता है, लेकिन सवाल अब भी यही है कि उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में अवैध बस्तियां कौन बसा रहा है? आईएसबीटी वो जगह है, देश-दुनिया के लोग बस के जरिए शहर में सबसे पहले पहुंचते हैं, उनके मन में फ्लाईओवर के नीचे अतिक्रमण और गंदगी के बाद देवभूमि से क्या संदेश जाएगा? देहरादून स्मार्ट सिटी के प्रेवशद्वार पर ही अतिक्रमण और गंदगी क्या स्मार्टसिटी पर बट्टा नहीं लगा रहा है?

लेकिन, इससेस नगर निगम के अधिकारियों को कोई फर्क पड़ता नजर नहीं आ रहा है। नगर निगम के अधिकारी और कर्मचारियों के साथ अतिक्रमण अभियान शुरू करने का समय 10 बजे का तय किया गया था, लेकिन वो 11 बजकर 20 मिनट पर पहुंचे। इसको लेकर जब लोगों ने सवाल किया तो नगर निगम के टैक्स इंस्पेक्टर राकेश कुमार लोगों पर ही भड़कने लगे।

ऐसा प्रतीत होता है जैसे नगर निगम इन अवैध लोगों को खुद ही यहां बसा रहा है और कोई ना कोई अधिकारी जरूर है, जिसको इनसे लाभ हो रहा है। मौके पर पहुंचे नगर निगम अधिकारी को देख कर लग नहीं रहा था कि नगर निगम इन्हें यहां से हटाना चाह रहा है।

  • इससे लोग सवाल उठा रहे हैं कि कहीं ऐसा तो नहीं कि टैक्स इंस्पेक्टर इन अवैध लोगों की बस्तियां बसा रहे हैं और टैक्स भी खुद के लिए ही जमा कर रहे हैं?
  • सवाल सरकार पर भी खड़े होते हैं कि आखिर सरकार क्या कर रही है?
  • कैसे ये अवैध लोग इतनी बड़ी संख्या में देहरादून के आईएसबीटी पर सड़क किनारे, फ्लाईओवर के नीचे, इधर-उधर कब्जा कर रह रहे हैं?
  • क्या नगर निगम ही दे रहा है पनाह ?
  • इन लोगों को सुबह हटाया जाता है और ये शाम होने से पहले कैसे दोबारा यहां डेरा जमा देते हैं, यह अपने आप में बड़ा सवाल है?
  • इस बात को नगर निगम भी जानता है। सवाल ये है कि फिर किसीके कहने पर इनको फिर से डेरा जमाने दिया जाता है?

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