उत्तराखंड कैबिनेट बैठक आज: पंचायत चुनाव से लेकर आयुष्मान योजना तक कई अहम फैसलों पर मुहर संभव

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आज सचिवालय में राज्य मंत्रिमंडल की महत्त्वपूर्ण बैठक होने जा रही है। इस बैठक को आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव और जनहित से जुड़ी विभिन्न योजनाओं के मद्देनज़र बेहद अहम माना जा रहा है।

पंचायत चुनाव को लेकर तैयारियां अंतिम चरण में
सूत्रों के अनुसार, बैठक में प्रदेश के 12 जिलों में पंचायत चुनाव कराने के प्रस्ताव पर चर्चा की जाएगी। हरिद्वार जिले को फिलहाल इस प्रक्रिया से अलग रखा गया है। पंचायती राज विभाग ने आरक्षण प्रस्ताव तैयार कर लिया है, जिसका अंतिम प्रकाशन आज होना है। कल यानी 19 जून को यह प्रस्ताव सभी जिलों से संकलित कर राज्य निर्वाचन आयोग को सौंपा जाएगा। इसके तुरंत बाद चुनाव कार्यक्रम की अधिसूचना जारी होने की संभावना है।

आयुष्मान योजना में सरलता की ओर कदम
स्वास्थ्य सेवाओं को आमजन तक पहुंचाने के उद्देश्य से आयुष्मान कार्ड बनाने की प्रक्रिया को और सहज बनाने पर भी मंत्रिमंडल की मुहर लग सकती है। प्रस्ताव है कि अब परिवार रजिस्टर की नकल के आधार पर भी कार्ड बनाए जा सकेंगे। इसके साथ ही रोगी कल्याण समितियों के गठन का प्रस्ताव भी रखा जाएगा, जिसके तहत ब्लॉक स्तर पर चिकित्सा प्रबंधन समितियां गठित होंगी।

शिक्षा विभाग की ट्रांसफर प्रणाली में बदलाव
शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षकों की ट्रांसफर प्रक्रिया को पूरी तरह ऑनलाइन किए जाने का प्रस्ताव भी बैठक में रखा जाएगा। इससे ट्रांसफर प्रक्रिया में पारदर्शिता और त्वरित निर्णय की संभावना बढ़ेगी।

रायपुर की फ्रीज भूमि पर निर्णय संभव
देहरादून के रायपुर क्षेत्र में फ्रीज की गई भूमि को मुक्त किए जाने से संबंधित प्रस्ताव भी कैबिनेट की मंज़ूरी के लिए पेश किया जाएगा। इससे क्षेत्रीय विकास कार्यों को गति मिल सकती है।

खेल अकादमियों और बालिकाओं के लिए नई योजनाएं
प्रदेश के आठ प्रमुख शहरों में 23 खेल अकादमियां खोलने के प्रस्ताव पर भी मंत्रिमंडल विचार करेगा। साथ ही नंदा गौरा योजना के तहत बालिकाओं को मिलने वाली सहायता राशि को स्किल बेस्ड कोर्स पूरा करने पर भी विस्तार देने का प्रस्ताव है, जिससे स्वरोजगार और सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलेगा।

उपनल कर्मचारियों के लिए राहत की उम्मीद
बैठक में उपनल कर्मचारियों के नियमितीकरण के लिए ठोस नीति लाने पर भी चर्चा संभावित है। वर्षों से आंदोलनरत इन कर्मचारियों के लिए यह एक बड़ी राहत का संकेत हो सकता है।

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