उत्तराखंड पंचायत चुनाव में देरी के चलते शासन का बड़ा फैसला, बढ़ाया प्रशासकों का कार्यकाल

उत्तराखण्ड की त्रिस्तरीय पंचायतों ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत का कार्यकाल मई और जून 2025 के दौरान समाप्त हो गया है। वर्ष 2019 में गठित इन पंचायतों के कार्यकाल की समाप्ति के बावजूद राज्य में अभी तक नए चुनाव नहीं हो पाए हैं। उत्तराखण्ड पंचायतीराज अधिनियम-2016 की धारा 130(6) के तहत यह व्यवस्था की गई है कि चुनाव से पहले प्रशासक नियुक्त कर पंचायतों का कार्य संचालन कराया जा सकता है।

पहले प्रशासकों का कार्यकाल भी समाप्त

पूर्व में शासन ने अधिसूचना जारी कर जिलाधिकारियों, उपजिलाधिकारियों और सहायक विकास अधिकारियों को अस्थायी रूप से पंचायतों का प्रशासक नियुक्त किया था। इन प्रशासकों का कार्यकाल ग्राम पंचायतों में 27 मई, क्षेत्र पंचायतों में 29 मई और जिला पंचायतों में 1 जून 2025 को समाप्त हो गया। लेकिन समय रहते चुनाव संपन्न न हो पाने के कारण अब शासन को एक बार फिर अंतरिम प्रशासक नियुक्त करने पड़े हैं।

जुलाई तक के लिए नई प्रशासकीय व्यवस्था लागू

शासन द्वारा जारी नई अधिसूचना के अनुसार, जुलाई 2025 में संभावित पंचायत चुनाव तक या 31 जुलाई 2025 (जो पहले हो) तक प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायतों में निम्न अधिकारियों को प्रशासकीय जिम्मेदारी सौंपी गई है।

  • जिला पंचायतों में: संबंधित जिलाधिकारी / जिला मजिस्ट्रेट।
  • क्षेत्र पंचायतों में: संबंधित उपजिलाधिकारी (एसडीएम)।
  • ग्राम पंचायतों में: संबंधित विकासखण्ड के सहायक विकास अधिकारी (पंचायत)।

The post उत्तराखंड पंचायत चुनाव में देरी के चलते शासन का बड़ा फैसला, बढ़ाया प्रशासकों का कार्यकाल first appeared on headlinesstory.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *