उत्तराखंड में भारी तबाही, अब तक 15 शव बरामद, 10 से ज्यादा लापता

देहरादून में देर रात बादल फटने से भारी तबाही मच गई। अब तक 15 शव बरामद हो चुके हैं, जबकि 10 से ज्यादा लोग लापता बताए जा रहे हैं। कई मजदूरों के बहने की भी सूचना है। प्रशासन और एसडीआरएफ की टीमें लगातार राहत व बचाव कार्य में जुटी हैं।

भारी बारिश और भूस्खलन से जिलेभर में सड़कों, पुलों और संपत्तियों को बड़ा नुकसान पहुंचा है। देहरादून-पांवटा राजमार्ग पर टोंस नदी पुल के पास सड़क बह जाने से यातायात पूरी तरह ठप हो गया है। फुलेट गांव में एक मकान गिरने से आठ मजदूर दब गए, जिनमें से दो को स्थानीय लोगों ने निकाल लिया है। वहीं, ठाकुरपुर में हालात इतने बिगड़े कि लोग जान बचाने के लिए बिजली के खंभों और ऊंची जगहों पर चढ़ने को मजबूर हुए। एनडीआरएफ की टीम ने मोर्चा संभालकर कई लोगों को सुरक्षित निकाला।

सुबह तक अलग-अलग स्थानों पर एक हजार से ज्यादा लोग फंसे थे, जिन्हें बचाव दलों ने रेस्क्यू किया। इनमें मसूरी के हेरिटेज होटल और लिटिल हैवन होटल, रायपुर, डालनवाला, प्रेमनगर और पौंधा के इलाकों के लोग शामिल थे।

इस बीच, गुच्चुपानी के दुकानदारों ने प्रशासन पर नाराजगी जताई। उनका कहना है कि हर साल टैक्स बढ़ाया जाता है, लेकिन सुरक्षा और सुविधा के नाम पर कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाते। दुकानदारों ने दुकानों और नदी के बीच मजबूत पुश्ता बनाने और गर्मी के मौसम में पानी रोकने-छोड़ने की व्यवस्था की मांग फिर दोहराई।

मौसम विभाग ने देहरादून समेत चमोली, चंपावत, ऊधमसिंह नगर, बागेश्वर और नैनीताल जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। 21 सितंबर तक प्रदेशभर में भारी बारिश की संभावना जताई गई है। प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने, नदी-नालों से दूर रहने और किसी भी आपदा की स्थिति में तुरंत सूचना देने की अपील की है।

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