चमोली: बद्रीनाथ हाईवे पर बरसात से जीम समस्या का निपटारा करने के लिए हाईवे को एक-दो दिन नहीं। बल्कि, पूरे 21 दिनों तक बंद रखना पड़ेगा। इसके आदेश जारी हो चुके हैं और आज से काम भी चालू हो चला है। बरसात के मौसम के दौरान भूस्खलन से बद्रीनाथ हाईवे का 400 मीटर हिस्से में मलबा आ गया था। यह मलबा तब से हाईवे किनारे ही पड़ा हुआ था।
इस मलबे के चलते आवाजाही में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। यात्रा समाप्ति के बाद अब हाईवे की समस्याओं को दूर करने का काम शुरू हो गया है। ऐसे में सबसे पहले 400 मीटर हिस्से पर जमा मलबे का निस्तारण किया जाएगा। इसके चलते बद्रीनाथ हाईवे पर नंदप्रयाग में 18 दिसंबर से तीन सप्ताह तक आवाजाही बंद रहेगी।
वाहनों को वैकल्पिक मार्ग नंदप्रयाग-सैकोट-कोठियालसैंण सड़क से भेजा जाएगा। वहीं, पुरसाड़ी गांव के ग्रामीणों को 16 किमी और बाजपुर व मैठाणा के लोगों को भी अतिरिक्त दूरी नापनी पड़ेगी। जिला मजिस्ट्रेट संदीप तिवारी ने इसके आदेश जारी किए हैं। एसपी और उपजिला मजिस्ट्रेट चमोली की ओर से भेजे आदेश में कहा गया कि बदरीनाथ हाईवे पर नंदप्रयाग से मलबे का निस्तारण किया जाना है।
इसके लिए 18 दिसंबर से सात जनवरी 2025 तक रूट डायवर्ट किया जा रहा है। आवाजाही बंद होने से श्रीनगर, रुद्रप्रयाग, कर्णप्रयाग क्षेत्र के ज्योतिर्मठ की ओर जाने वाले वाहनों को नंदप्रयाग बगड़ से सैकोट-कोठियालसैंण-चमोली सड़क (10 किमी) से गंतव्य के लिए भेजा जाएगा, जबकि ज्योतिर्मठ और पीपलकोटी क्षेत्र से आने वाले वाहनों को चमोली बाजार से इसी रास्ते से जाएंगे।
यहां शीतकाल के दौरान आने वाले पर्यटकों और तीर्थयात्रियों को भी इसी मार्ग से गुजरना होगा। नंदप्रयाग में सुबह आठ बजे से शाम छह बजे तक मलबा हटाने का काम किया जाएगा। वहीं, हाईवे पर वाहनों की आवाजाही बंद होने से पुरसाड़ी गांव के ग्रामीणों को 16 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करनी होगी।
पुरसाड़ी गांव भूस्खलन क्षेत्र से करीब दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। वहीं, बाजपुर और मैठाणा गांव के ग्रामीणों को भी अपने गंतव्य तक जाने के लिए अतिरिक्त दूरी तय करनी होगी।
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