उत्तराखंड : LOP राहुल गांधी ने पत्रकार राजीव प्रताप की मौत को बताया ‘दुखद और भयावह’, BJP पर लगाया सच्ची पत्रकारिता को दबाने का आरोप

नई दिल्ली: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थानीय मुद्दों पर मुखर पत्रकार राजीव प्रताप की रहस्यमयी मौत ने पूरे राज्य में सनसनी फैला दी है। 18 सितंबर से लापता राजीव का शव 28 सितंबर को जोशियाड़ा बैराज की झील से बरामद हुआ, जिसके बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने इसे ‘भयावह’ बताते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है। राज्य सरकार ने मामले की गहन जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित कर दिया है।

घटनाक्रम की पूरी जानकारी

18 सितंबर 2025: लापता होने की शुरुआत

राजीव प्रताप (उम्र लगभग 35 वर्ष), जो ‘दिल्ली-उत्तराखंड लाइव’ नामक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म चलाते थे, 18 सितंबर की रात करीब 11 बजे उत्तरकाशी के गंगोत्री क्षेत्र से रहस्यमयी परिस्थितियों में लापता हो गए। वह अपने एक दोस्त से कार उधार लेकर गंगोत्री की ओर गए थे। परिवार के अनुसार, राजीव हाल ही में उत्तरकाशी जिला अस्पताल की बदहाली और वहां हो रहे भ्रष्टाचार पर एक वीडियो रिपोर्ट तैयार कर रहे थे। इस रिपोर्ट के बाद उन्हें धमकियां मिल रही थीं, हालांकि परिवार ने औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं कराई थी।

19 सितंबर: कार की बरामदगी

अगले दिन, 19 सितंबर को राजीव की उधार ली गई कार भागीरथी नदी के किनारे स्यूंणा गांव के पास क्षतिग्रस्त अवस्था में मिली। कार में राजीव नहीं थे, लेकिन उनके दोस्त ने बताया कि वह रास्ते में ही उतर गया था। परिवार ने तुरंत उत्तरकाशी कोतवाली में लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई।

20 सितंबर से तलाशी अभियान

जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) और पुलिस अधीक्षक (एसपी) के निर्देश पर एनडीआरएफ (नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स), एसडीआरएफ (स्टेट डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स) और स्थानीय पुलिस की टीमें तलाशी अभियान में जुट गईं। सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल लोकेशन और कॉल रिकॉर्ड्स की जांच शुरू हुई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, राजीव की मौत आंतरिक चोटों से हुई, जो संदिग्ध परिस्थितियों में लग रही हैं।

28 सितंबर: शव बरामद

10 दिनों की तलाश के बाद, 28 सितंबर को सुबह करीब 10:40 बजे जोशियाड़ा बैराज की झील में एक शव दिखाई दिया। आपदा प्रबंधन विभाग को सूचना मिलते ही पुलिस, एनडीआरएफ और क्विक रिस्पॉन्स टीम (क्यूआरटी) ने शव को बाहर निकाला। परिवार ने शव की पहचान राजीव प्रताप के रूप में की। शव को जिला अस्पताल की मोर्चरी में रखा गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तुरंत गहन जांच के आदेश दिए।

राहुल गांधी का बयान

कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट कर इस घटना को ‘दुखद और भयावह’ बताया। उन्होंने लिखा, “उत्तराखंड के युवा पत्रकार राजीव प्रताप जी का लापता होना और फिर मृत पाया जाना सिर्फ़ दुखद नहीं, भयावह है। इस मुश्किल वक्त में शोकाकुल परिवार को अपनी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं और उनके साथ खड़ा हूं।”

राहुल ने बीजेपी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा, “बीजेपी राज में आज ईमानदार पत्रकारिता भय और असुरक्षा के साये में जी रही है। जो सच लिखते हैं, जनता के लिए आवाज़ उठाते हैं, सत्ता से सवाल पूछते हैं – उन्हें धमकियों और हिंसा से चुप कराने की कोशिश की जा रही है। राजीव जी के साथ हुआ पूरा घटनाक्रम ऐसे ही षड़यंत्र की ओर इशारा करता है।” उन्होंने अविलंब निष्पक्ष और पारदर्शी जांच की मांग की।

उत्तराखंड पुलिस ने 30 सितंबर को एसआईटी का गठन किया, जिसका नेतृत्व उत्तरकाशी के पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) जनक सिंह पंवार करेंगे। एसआईटी कॉल रिकॉर्ड, इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य, सीसीटीवी फुटेज, धमकियों की जांच और कार के तकनीकी आकलन पर फोकस करेगी। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दीपम सेठ ने कहा कि सभी पहलुओं की गहन जांच होगी।

कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेट ने भी एक्स पर पोस्ट कर सवाल उठाए, “उत्तराखंड में लगातार भ्रष्टाचार का पर्दाफाश करने वाले पत्रकार राजीव प्रताप कुछ दिनों से गायब थे। अब उनका शव जोशियाड़ा बैराज में मिला है। उनकी पत्नी का आरोप है कि अस्पताल की बदहाली पर रिपोर्ट के बाद धमकियां मिल रही थीं।

क्या है सच बोलने की क़ीमत?” आम आदमी पार्टी (आप) ने भी बीजेपी शासित राज्यों में पत्रकारों की असुरक्षा पर चिंता जताई। मुख्यमंत्री धामी ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार पूरे मामले की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करेगी। मीडिया जगत में भी शोक की लहर है, और कई संगठनों ने न्याय की मांग की है।

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