ऑपरेशन शील्ड : भारत-पाक सीमा पर बढ़ी तैयारी, आज 6 राज्यों में मॉक ड्रिल, हवाई हमलों से निपटने का अभ्यास

नई दिल्ली : सीमा पार से जारी तनाव और बढ़ते खतरे के मद्देनज़र भारत ने अपनी तैयारी का स्तर और ऊंचा कर दिया है। आज शनिवार को ‘ऑपरेशन शील्ड’ के तहत पाकिस्तान से सटे जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और गुजरात के साथ-साथ हरियाणा और केंद्रशासित प्रदेश चंडीगढ़ में एक बार फिर संध्या 5 बजे से मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी।

इस मॉक ड्रिल का मकसद है, हवाई हमलों, ड्रोन हमलों और मिसाइल अटैक जैसी आपात स्थितियों से निपटने की तैयारी का व्यावहारिक अभ्यास। इसके अलावा ब्लैकआउट की प्रक्रिया और आपातकालीन प्रतिक्रियाओं की कार्यक्षमता को भी परखा जाएगा।


मॉक ड्रिल का उद्देश्य क्या है?

‘ऑपरेशन शील्ड’ के तहत की जा रही इस मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य है —

  • आम नागरिकों को हवाई हमले की स्थिति में सही व्यवहार सिखाना,

  • स्थानीय प्रशासन की तत्परता की जांच,

  • आपातकालीन व्यवस्थाओं और संचार प्रणालियों को परखना,

  • सायरन सिस्टम और ब्लैकआउट की टेस्टिंग करना।

इस दौरान वायुसेना और नागरिक सुरक्षा नियंत्रण कक्ष के बीच ‘हॉटलाइन’ व्यवस्था को भी सक्रिय किया जाएगा ताकि वास्तविक आपदा की स्थिति में संचार तंत्र मजबूत रहे।


तैयारी पूरी, ब्लैकआउट का भी अभ्यास

इस राष्ट्रीय अभ्यास को लेकर गृह मंत्रालय और नागरिक सुरक्षा निदेशालय ने शुक्रवार को एक उच्चस्तरीय बैठक कर राज्यों को ज़रूरी दिशा-निर्देश जारी किए थे। जिलों को कहा गया है कि मॉक ड्रिल के दौरान वे निम्नलिखित कार्रवाइयों को सुनिश्चित करें:

  • दुश्मन के विमानों और ड्रोन हमलों की चेतावनी देने वाले सायरनों का अभ्यास।

  • लोगों को खुले इलाकों और संभावित निशानों से दूर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना।

  • महत्वपूर्ण ठिकानों जैसे बिजली संयंत्र, संचार टावर, पानी की टंकियां, सरकारी भवनों आदि की सुरक्षा सुनिश्चित करना।

  • ब्लैकआउट: पूरे क्षेत्र की विद्युत आपूर्ति को नियंत्रित कर अंधकार सुनिश्चित करना, जिससे हवाई हमले में दुश्मन को लक्ष्य पहचानना मुश्किल हो।

  • स्वयंसेवक संगठनों जैसे एनसीसी, एनएसएस और भारत स्काउट व गाइड की भूमिका को सक्रिय करना।


क्यों ज़रूरी हुआ यह अभ्यास?

गौरतलब है कि 10 मई को पाकिस्तान के साथ संघर्षविराम लागू हुआ था। इसके बाद यह पहली मॉक ड्रिल है। इससे पहले 7 मई को गृह मंत्रालय के निर्देश पर देश के 244 जिलों में एक बड़ी मॉक ड्रिल आयोजित की गई थी, जिसमें आतंकी हमलों और हवाई खतरों से निपटने का अभ्यास हुआ था।

पिछले कुछ महीनों में पाकिस्तान की ओर से ड्रोन घुसपैठ और सीमा पार गोलीबारी की घटनाओं में इज़ाफा देखा गया है। इसके चलते सीमावर्ती क्षेत्रों की सतर्कता और सुरक्षा को लेकर केंद्र सरकार अतिरिक्त कदम उठा रही है।


नागरिकों के लिए निर्देश

  • शाम 5 बजे से मॉक ड्रिल के दौरान घर के भीतर रहें और सायरन बजने पर घबराएं नहीं, बल्कि स्थानीय प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें।

  • ब्लैकआउट के लिए पहले से व्यवस्था रखें, जैसे टॉर्च, बैटरी, और मोबाइल चार्ज रखें।

  • कोई आपात सूचना या घटना हो तो स्थानीय कंट्रोल रूम या नागरिक सुरक्षा नंबर पर तुरंत संपर्क करें।

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