देहरादून: प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कांवड़ यात्रा को लेकर राज्य सरकार द्वारा जारी आदेशों को सुप्रीम कोर्ट की अवमानना बताया है। उन्होंने कहा कि यात्रा मार्ग पर दुकानदारों के लिए नाम पटिका, लाइसेंस और पहचान पत्र अनिवार्य करना न केवल असंवैधानिक है, बल्कि धार्मिक ध्रुवीकरण की एक और कोशिश है।
प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में मीडिया से बातचीत करते हुए धस्माना ने कहा कि इसी तरह का आदेश पिछले साल उत्तर प्रदेश सरकार ने भी लागू किया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी के साथ खारिज कर दिया था। ऐसे में उत्तराखंड सरकार का यह फैसला न्यायालय के आदेशों की सीधी अवहेलना है।
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार जन सरोकारों से जुड़े मुद्दों जैसे बेरोजगारी, महंगाई और बिगड़ी कानून व्यवस्था से जनता का ध्यान भटकाने के लिए धर्म के नाम पर राजनीति कर रही है। धस्माना ने कहा, “जिस तरह होली और ईद एक साथ आने पर भाजपा ने धार्मिक उन्माद भड़काने की कोशिश की थी, लेकिन देश की जनता ने समझदारी दिखाते हुए इन त्योहारों को शांति और भाईचारे के साथ मनाया, ठीक उसी तरह इस बार भी कांवड़ यात्रा पारंपरिक रूप से शांतिपूर्वक संपन्न होगी।
उन्होंने विश्वास जताया कि कांवड़ रूट पर मुस्लिम बहुल इलाकों में हर साल की तरह इस बार भी श्रद्धालुओं का स्वागत और सेवा होगी। साथ ही, उन्होंने जनता से अपील की कि भाजपा के “ध्रुवीकरण के मंसूबों” को नाकाम किया जाए।
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