गुवाहाटी: असम के नागांव जिले में कांग्रेस सांसद रकीबुल हुसैन और उनके निजी सुरक्षा अधिकारियों (PSO) पर हुए हमले के मामले में अब तक 10 लोगों की पहचान हो चुकी है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शुक्रवार को इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पुलिस कानूनी प्रक्रिया के तहत कार्रवाई करेगी। राज्य सरकार ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करने की भी घोषणा की है।
रूपाहीहाट में हमला
गुरुवार को धुबरी लोकसभा सीट से कांग्रेस सांसद रकीबुल हुसैन, उनके बेटे तंजील और उनके पीएसओ पर रूपाहीहाट इलाके में नकाबपोश बदमाशों ने हमला कर दिया। आरोपियों ने ‘रकीबुल हुसैन वापस जाओ’ के नारे भी लगाए। हमलावरों ने क्रिकेट बैट से हमला करने की कोशिश की, हालांकि सांसद और उनके बेटे को कोई चोट नहीं आई। उनके दो सुरक्षा अधिकारियों को मामूली चोटें आई हैं।
मुख्यमंत्री ने दी जानकारी
असम विधानसभा में इस घटना पर बोलते हुए मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बताया कि राज्य सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। जब भी सांसद रकीबुल हुसैन नागांव जिले में रहेंगे, विशेष रूप से सामगुरी और रूपाहीहाट क्षेत्रों में उनकी सुरक्षा बढ़ा दी जाएगी।
विपक्ष ने जताया कड़ा विरोध
इस हमले की निंदा करते हुए 15 से अधिक विपक्षी दलों के गठबंधन, असम सोनमिलिटो मोर्चा ने इसे राज्य में लोकतंत्र के लिए खतरा बताया। मोर्चा ने कहा कि यह घटना असम के भविष्य के लिए एक खतरनाक संकेत है और राज्य में ‘जंगल राज’ को स्वीकार नहीं किया जाएगा।
कांग्रेस का विधानसभा में विरोध प्रदर्शन
इस हमले के विरोध में कांग्रेस विधायकों ने शुक्रवार को असम विधानसभा परिसर में प्रदर्शन किया। उन्होंने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव भी पेश किया, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष बिस्वजीत दैमारी ने इसे खारिज कर दिया। कांग्रेस नेताओं ने आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
विपक्ष का सरकार पर निशाना
असम विधानसभा में विपक्ष के नेता देबब्रत सैकिया ने कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिला पुलिस और स्थानीय थाने को पहले से सूचना देने के बावजूद दिनदहाड़े ऐसी घटना हुई। यह हिमंत बिस्वा सरमा के नेतृत्व वाली सरकार की नाकामी को दर्शाता है। राज्य में बढ़ती हिंसा और असहिष्णुता चिंता का विषय है।”