रुद्रप्रयाग। केदारनाथ धाम की ओर जाने वाला पैदल यात्रा मार्ग गौरीकुंड के निकट भूस्खलन के चलते अभी तक पूरी तरह से बहाल नहीं हो सका है। इस आपदा के कारण यात्रा मार्ग पर आवाजाही ठप हो गई है, जिससे हजारों तीर्थयात्री गौरीकुंड में फंसे हुए थे। राहत की बात यह रही कि शनिवार को सुरक्षा जवानों की निगरानी में इन यात्रियों को पैदल ही धाम की ओर भेजा गया।
पहाड़ी दरकने से टूटा मार्ग
शुक्रवार देर रात गौरीकुंड के पास अचानक पहाड़ी दरक गई, जिससे यात्रा मार्ग का बड़ा हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। एसडीआरएफ और प्रशासन ने तत्काल राहत व मरम्मत कार्य शुरू किया, लेकिन लगातार खराब मौसम के चलते मार्ग खोलने में मुश्किलें आ रही हैं।
धाम से उतरे यात्रियों का रेस्क्यू
शनिवार को धाम से नीचे आ रहे यात्रियों को एसडीआरएफ की टीमों ने सुरक्षित निकालकर गौरीकुंड पहुंचाया। लेकिन यात्रा मार्ग ऊपर की ओर चढ़ने के लिए पूरी तरह से सुरक्षित नहीं हो पाया था। प्रशासन ने शनिवार को किसी भी यात्री को ऊपर नहीं भेजा।
पैदल ही करनी पड़ रही है चढ़ाई
रविवार सुबह तक भी मार्ग पूरी तरह से नहीं खुल पाया, लेकिन तीर्थयात्रियों की भारी भीड़ और लगातार इंतजार को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा बलों की निगरानी में पैदल यात्रियों को धाम की ओर रवाना किया।
भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र में घोड़े-खच्चर, डंडी-कंडी जैसी सुविधाएं पूरी तरह बंद हैं, जिससे यात्रियों को कठिन पैदल चढ़ाई का सामना करना पड़ रहा है।
हालात अब भी संवेदनशील
प्रशासन की ओर से मार्ग को खोलने के प्रयास लगातार जारी हैं, लेकिन भूस्खलन प्रभावित इलाका अब भी अत्यंत खतरनाक बना हुआ है। चट्टानों के खिसकने और नए भूस्खलन की आशंका के चलते जोखिम बरकरार है।
यात्रियों को अपील
प्रशासन ने यात्रियों से अपील की है कि वे यात्रा से पहले मौसम और मार्ग की स्थिति की जानकारी अवश्य लें। साथ ही मार्ग पर सुरक्षा बलों और बचाव दल के निर्देशों का पालन करें।
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