टिहरी। उत्तराखंड के ज्वलंत मुद्दों पर मंथन करने और आगामी रणनीति तय करने के लिए भू भूम्याल जागृति मंच के तत्वावधान में प्रदेश स्तरीय चिंतन गोष्ठी आयोजित की जाएगी। यह गोष्ठी आगामी 2 मार्च को बौराड़ी स्थित ओपन एयर थिएटर में होगी, जिसमें प्रदेश के समाजसेवी, चिंतक एवं विभिन्न मुद्दों पर संघर्षरत लोग शामिल होंगे।
गोष्ठी में प्रदेश के 11 प्रमुख मुद्दों पर होगी चर्चा
बौराड़ी में हुई एक बैठक में प्रदेश के 11 प्रमुख मुद्दों को चिन्हित किया गया, जिनमें मूल निवास, भू-कानून, परिसीमन, आपदाएं, जंगली जानवरों का आतंक आदि शामिल हैं। वक्ताओं ने कहा कि इन मुद्दों पर जनता को जागरूक कर सरकार को घेरने की जरूरत है। बैठक में तय हुआ कि चिंतन गोष्ठी में इन सभी विषयों पर गहन विचार-विमर्श होगा और जो निष्कर्ष निकलकर आएगा, उसका ड्राफ्ट तैयार कर सरकार को भेजा जाएगा।
जनजागरूकता के लिए पदयात्राओं का आयोजन
चिंतन गोष्ठी के बाद पूरे राज्य में जन-जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। इसके तहत गांवों और ब्लॉकों में पदयात्राएं और गोष्ठियों का आयोजन किया जाएगा, ताकि जनता को इन मुद्दों के प्रति संवेदनशील बनाया जा सके।
गोष्ठी के लिए आयोजन समिति गठित
गोष्ठी के सफल आयोजन के लिए एक आयोजन समिति का गठन किया गया। बैठक में प्रमुख रूप से मंच के संयोजक देवेंद्र नौडियाल, सह संयोजक अमित पंत, संरक्षक महिपाल सिंह नेगी, भू-कानून मूल निवास संघर्ष समिति के सह संयोजक लुसुन तोडरिया, सभासद नवीन सेमवाल, कमल सिंह महर, भगवान चंद रमोला, महावीर उनियाल, गंगा भगत सिंह नेगी, राजीव रावत, विस्थापित नेता सोहन सिंह राणा और हिमांशु रावत सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
यह चिंतन गोष्ठी प्रदेश के भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है, जिसमें उत्तराखंड के बुनियादी मुद्दों को लेकर आगे की रणनीति तय की जाएगी।