नई दिल्ली: प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) भारत के ग्रामीण परिदृश्य को बदल रही है। यह केवल सड़कें नहीं, बल्कि लाखों लोगों के लिए जीवनरेखाएँ बना रही है। नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, अगस्त 2025 तक इस योजना के तहत कुल 8,38,611 किमी ग्रामीण सड़कों और 12,146 पुलों को मंजूरी दी गई है, जिनमें से 7,83,727 किमी सड़कें और 9,891 पुल पहले ही बन चुके हैं।
यह योजना न केवल ग्रामीण क्षेत्रों को मुख्यधारा से जोड़ रही है, बल्कि रोजगार के अवसर भी पैदा कर रही है। मध्य प्रदेश के मंडला जिले में बरबास्पुर और कुरला गाँव इसका एक बेहतरीन उदाहरण हैं, जहाँ 2018-19 में एक पुल के निर्माण से 2,000 ग्रामीणों को बारिश के मौसम में अलगाव से मुक्ति मिली।
विभिन्न चरण और प्रगति
पीएमजीएसवाई को कई चरणों में लागू किया गया है, ताकि ग्रामीण कनेक्टिविटी को चरणबद्ध तरीके से मजबूत किया जा सके।
- पीएमजीएसवाई चरण-I (2000): इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में सभी मौसम में सड़क संपर्क प्रदान करना था। जुलाई 2025 तक, इस चरण के तहत 99.7% आवासों को जोड़ा जा चुका है।
- पीएमजीएसवाई चरण-II (2013): इस चरण में मौजूदा ग्रामीण सड़क नेटवर्क को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया गया, ताकि ग्रामीण बाजारों और विकास केंद्रों तक पहुँच आसान हो सके।
- पीएमजीएसवाई चरण-III (2019): इसका लक्ष्य 1.25 लाख किमी मौजूदा सड़कों और प्रमुख ग्रामीण संपर्क मार्गों को उन्नत करना है, जो ग्रामीण कृषि बाजारों, स्कूलों और अस्पतालों को जोड़ते हैं।
नई और हरित प्रौद्योगिकियों का उपयोग
पीएमजीएसवाई ग्रामीण सड़क निर्माण में टिकाऊ और पर्यावरण-अनुकूल प्रथाओं को बढ़ावा दे रही है। अगस्त 2025 तक, 1,66,694 किमी सड़कों को नई और हरित प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके मंजूरी दी गई है, जिनमें से 1,24,688 किमी का निर्माण हो चुका है। इसमें औद्योगिक और नगरपालिका कचरे जैसे फ्लाई ऐश, प्लास्टिक, और रबर का उपयोग शामिल है, जिससे लागत कम होती है और पर्यावरण पर प्रभाव भी घटता है।
विशेष परियोजनाओं के साथ एकीकरण
PMGSY को कई अन्य सरकारी पहलों के साथ एकीकृत किया गया है, ताकि समाज के सबसे कमजोर वर्गों को भी लाभ मिल सके।
- धर्ती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान (DA-JGUA): यह पहल आदिवासी समुदायों के समग्र विकास पर केंद्रित है, जिसमें पीएमजीएसवाई-IV सामाजिक बुनियादी ढाँचे के अंतर को भरता है।
- प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना (PM-AJAY): इस योजना के तहत 40% या अधिक अनुसूचित जाति की आबादी वाले आवासों को प्राथमिकता दी जा रही है।
- पीएम जन-मन (PM-JANMAN): यह विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (PVTG) के विकास के लिए है, जिसके तहत 6,506 किमी सड़कों को मंजूरी दी गई है।
गुणवत्ता निगरानी और पारदर्शिता
गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए एक तीन-स्तरीय गुणवत्ता निगरानी प्रणाली लागू की गई है। इसके अलावा, ऑनलाइन प्रबंधन, निगरानी और लेखा प्रणाली (OMMAS) जैसे डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पारदर्शिता सुनिश्चित करते हैं। ठेकेदारों को अब प्रदर्शन-आधारित अनुबंधों के तहत भुगतान किया जाता है, जो काम की गुणवत्ता पर आधारित होता है।PMGSY भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए एक मजबूत स्तंभ के रूप में उभरी है। यह न केवल ग्रामीण इलाकों में कनेक्टिविटी बढ़ा रही है, बल्कि सामाजिक-आर्थिक विकास, रोजगार सृजन और गरीबी उन्मूलन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। यह योजना भारत की ग्रामीण आबादी के लिए एक उज्जवल भविष्य की नींव रख रही है।
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