मुंबई | महाराष्ट्र की राजनीति में इन दिनों नए समीकरण बनते दिख रहे हैं। एक तरफ जहां शिवसेना (यूबीटी) के नेता मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से लगातार मुलाकात कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार ने उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की खुलकर सराहना की है। इन घटनाक्रमों के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर तेज हो गया है।
क्या पक रही है नई सियासी खिचड़ी?
महाविकास अघाड़ी (एमवीए) और महायुति गठबंधन के बीच बढ़ती हलचल के बीच यह सवाल उठने लगा है कि क्या महाराष्ट्र में कोई नया राजनीतिक समीकरण बन रहा है? लोकसभा और विधानसभा चुनावों में प्रचंड जीत दर्ज करने के बाद अब दोनों गठबंधनों की असली परीक्षा मुंबई, पुणे और ठाणे के नगर निकाय चुनाव में होगी। चुनाव से पहले सभी दल अपने सहयोगियों के बीच शक्ति प्रदर्शन में जुटे हैं।
फडणवीस से मिले उद्धव और आदित्य ठाकरे
पिछले ढाई महीने में शिवसेना (यूबीटी) के वरिष्ठ नेताओं ने मुख्यमंत्री फडणवीस से तीन बार मुलाकात की। इनमें आदित्य ठाकरे दो बार और उद्धव ठाकरे एक बार शामिल हुए। इसके अलावा शिवसेना (यूबीटी) के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भी फडणवीस से मुलाकात की है।
बदल रहा है उद्धव ठाकरे का रुख?
यह मुलाकातें इसलिए भी चर्चा में हैं क्योंकि इससे पहले उद्धव ठाकरे और उनकी पार्टी लगातार फडणवीस की आलोचना करते रहे हैं। शिवसेना (यूबीटी) ने भाजपा पर उनकी पार्टी को तोड़ने और सत्ता हथियाने का आरोप लगाया था। ऐसे में अचानक दोनों पक्षों के बीच बढ़ती नजदीकियों ने महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मचा दी है।
शरद पवार ने की एकनाथ शिंदे की तारीफ
इधर, एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की खुलकर तारीफ कर दी, जिससे राजनीतिक अटकलों को और बल मिल गया है। शिंदे, जो कभी शिवसेना के कट्टर समर्थक थे, अब भाजपा के साथ सत्ता में हैं। उनकी सरकार बनने के बाद शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी लगातार उनकी आलोचना करते रहे हैं, लेकिन अब पवार के रुख में बदलाव देखने को मिल रहा है।
निकाय चुनावों से पहले बढ़ी हलचल
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ये मुलाकातें और बयान आगामी निकाय चुनावों को ध्यान में रखते हुए दिए जा रहे हैं। मुंबई, पुणे और ठाणे नगर निगम चुनाव महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा असर डाल सकते हैं। इसी को देखते हुए सभी दल रणनीतिक गठजोड़ की संभावनाओं को तलाश रहे हैं।
क्या नया गठबंधन बन सकता है?
महाराष्ट्र की राजनीति में गठबंधन अक्सर बदलते रहते हैं। एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) पहले एक साथ थे, लेकिन अब शरद पवार और अजित पवार के अलग-अलग रुख से महाविकास अघाड़ी में दरारें नजर आने लगी हैं। दूसरी ओर, शिवसेना (यूबीटी) के फडणवीस से मेल-जोल बढ़ाने से यह संकेत मिल रहा है कि वे अपने लिए नए विकल्प तलाश रहे हैं।
आगे क्या होगा?
महाराष्ट्र की राजनीति में ये गतिविधियां महज रणनीतिक मुलाकातें हैं या किसी बड़े बदलाव की आहट, यह तो समय ही बताएगा। लेकिन इतना तय है कि निकाय चुनाव से पहले राजनीतिक दलों की चालें और तेज होंगी, और आने वाले दिनों में सियासी हलचल और भी बढ़ सकती है।