गुजरात दौरे पर पहुंचे कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने अपनी ही पार्टी को कठघरे में खड़ा कर दिया। उन्होंने कांग्रेस संगठन की कमजोरी पर खुलकर बात करते हुए कहा कि पार्टी में कई बब्बर शेर हैं, लेकिन वे चेन से बंधे हुए हैं। उन्होंने पार्टी के भीतर बैठे ऐसे नेताओं पर निशाना साधा जो, उनके मुताबिक, कांग्रेस के बजाय बीजेपी के लिए काम कर रहे हैं।
गुजरात कांग्रेस पर राहुल का तीखा हमला
राहुल गांधी ने कहा कि गुजरात कांग्रेस इस समय “अटकी हुई” है और उसे सही रास्ता नहीं दिख रहा। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि मौजूदा नेतृत्व राज्य को सही दिशा देने में असमर्थ है। उन्होंने कहा,
“मैं कांग्रेस पार्टी का सदस्य हूं और मैं खुलकर कह रहा हूं कि गुजरात कांग्रेस पार्टी उसे रास्ता दिखाने में असमर्थ है। मैं इसे बिना किसी शर्म और डर के कह रहा हूं। चाहे हमारे कार्यकर्ता हों, महासचिव हों, पीसीसी अध्यक्ष हों या मैं खुद, हम गुजरात को सही दिशा देने में विफल हैं।”
राहुल गांधी के इस बयान ने गुजरात कांग्रेस की कार्यशैली और नेतृत्व पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
संगठन में बड़े बदलाव के संकेत
राहुल गांधी ने पार्टी में बड़े बदलाव के संकेत देते हुए कहा कि अगर 10 से 40 नेताओं को बाहर भी करना पड़े तो किया जाना चाहिए। उन्होंने कांग्रेस संगठन की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा,
“कांग्रेस पार्टी रेस के घोड़े को बारात में लगा देती है और बारात के घोड़ों को रेस में दौड़ाने की कोशिश करती है।”
यह बयान साफ संकेत देता है कि कांग्रेस में बड़े फेरबदल की तैयारी चल रही है और जल्द ही संगठन में बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
कांग्रेस में दो तरह के नेता
राहुल गांधी ने पार्टी के भीतर दो तरह के नेताओं की मौजूदगी की बात कही। उन्होंने कहा,
- पहली श्रेणी के नेता – वे लोग जो जनता से सीधे जुड़े हुए हैं और जिनके दिल में कांग्रेस बसी हुई है।
- दूसरी श्रेणी के नेता – वे लोग जो जनता से कटे हुए हैं और उन्हें आम लोगों के मुद्दों की कोई जानकारी नहीं है।
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि इस दूसरी श्रेणी के नेताओं में से भी आधे ऐसे हैं जो कांग्रेस में रहकर भी बीजेपी के लिए काम कर रहे हैं।
क्या गुजरात कांग्रेस में होगा बड़ा बदलाव?
राहुल गांधी के इस बयान से यह साफ संकेत मिलता है कि पार्टी में जल्द ही बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। उनके इस बयान से गुजरात कांग्रेस में हलचल मच गई है और यह देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी नेतृत्व इस पर क्या कदम उठाता है। क्या कांग्रेस में बड़े नेताओं की छंटनी होगी? क्या संगठन को फिर से खड़ा करने की कोई नई रणनीति बनाई जाएगी? यह तो आने वाला समय ही बताएगा, लेकिन एक बात साफ है – राहुल गांधी अब पार्टी में अंदरूनी सफाई के मूड में हैं।