राहुल गांधी ने संसद में उठाया वोटर लिस्ट का मामला

नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरुआत आज से हो गई। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सांसदों ने मणिपुर में हिंसा और मतदाता सूची में कथित हेराफेरी को लेकर जोरदार हंगामा किया। वहीं, राज्यसभा में भी विपक्षी दलों के नेता विभिन्न मुद्दों को लेकर विरोध प्रदर्शन करते रहे। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्षी सांसदों से शांत रहने की अपील की, लेकिन विपक्ष की ओर से लगातार हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी।

सरकार और विपक्ष आमने-सामने

बजट सत्र के दौरान सरकार और विपक्ष के बीच ‘ईपीआईसी’ (इलेक्ट्रॉनिक फोटो आईडेंटिटी कार्ड) के मुद्दे पर टकराव होने की संभावना है। विपक्ष का आरोप है कि मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर हेराफेरी की गई है, जिसे लेकर सदन में चर्चा की मांग की गई है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लोकसभा में कहा, “पूरे देश में वोटर लिस्ट पर सवाल उठ रहे हैं। पूरा विपक्ष एकजुट होकर बस यही मांग कर रहा है कि इस मुद्दे पर सदन में चर्चा हो।”

मणिपुर हिंसा पर गरमाई राजनीति

मणिपुर में हिंसा की हालिया घटनाओं को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरने की कोशिश की। विपक्षी सांसदों ने इस मुद्दे को सदन में प्रमुखता से उठाने की मांग की, जिसके चलते सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली।

सरकार की प्राथमिकताएँ

सरकार का ध्यान बजटीय प्रक्रिया को पूरा करने, मणिपुर बजट के लिए अनुमोदन प्राप्त करने और वक्फ संशोधन विधेयक को पारित करने पर केंद्रित है।

ताजमहल में दरार का मुद्दा लोकसभा में गूंजा

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) में खाली पड़े पदों पर सवाल उठाए और कहा कि ताजमहल में पानी का रिसाव हो रहा है और उसमें दरारें आ रही हैं। उन्होंने सरकार से इस पर तत्काल कार्रवाई करने की मांग की।

भाषा विवाद पर लोकसभा में टकराव

नए शिक्षा नीति और तीन-भाषा नीति के मुद्दे पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और डीएमके सांसदों के बीच तीखी बहस हुई। प्रधान ने तमिलनाडु सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा, “वे (डीएमके) बेईमान हैं। वे तमिलनाडु के छात्रों के प्रति प्रतिबद्ध नहीं हैं और उनका भविष्य बर्बाद कर रहे हैं। उनका एकमात्र मकसद भाषा को लेकर राजनीति करना है।” इस बयान के बाद डीएमके सांसदों ने जोरदार विरोध किया, जिससे लोकसभा की कार्यवाही लगभग 30 मिनट तक बाधित रही।

आगे की रणनीति

सरकार के लिए यह बजट सत्र महत्वपूर्ण होने वाला है, क्योंकि उसे बजट प्रस्तावों को पारित कराना है। वहीं, विपक्ष सरकार को मतदाता सूची, मणिपुर हिंसा और अन्य मुद्दों पर घेरे रहने की रणनीति पर काम कर रहा है। अगले कुछ दिनों में सदन में तीखी बहस और हंगामे की संभावना बनी हुई है।

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