हिमालय राज्यों में इन ड़ों जमकर बर्फबारी हो रही है। इसके साथ ही कुछ हिस्सों में समय से पहले भी हिमपात होने से अंदाजा लगाया जा सकता है कि ला नीना ने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं। हांलाकि जलवायु परिवर्तन के चलते कई क्षेत्रों में तापमान में अधिक गिरावट नहीं आई है, लेकिन पर्वतीय क्षेत्रों के तापमान कई हिस्सों में शून्य से तक पहुंचने लगे हैं।
हिमालय क्षेत्र में ला नीना का असर दिखना शुरू हो गया है। आने वाले दिनों में हिमपात में वृद्धि होगी और ठंड में खासी बढ़ोतरी होगी। पश्चिमी विक्षोभ में ला नीना के अनुकूल प्रभाव के कारण वर्षा व हिमपात में वृद्धि की संभावना प्रबल हो जाती है।
आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान एरीज के वरिष्ठ खगोल विज्ञानी डा नरेंद्र सिंह ने बताया कि दिसंबर से ला नीना के प्रभाव का पूर्वानुमान पहले ही घोषित कर दिया गया था। देश में 61 प्रतिशत प्रभाव की संभावना जताई गई थी, जो संभवतः सही साबित हो, लेकिन इसका परिणाम शीतकाल के बाद ही पता चलेगा।
पश्चिमी विक्षोभों पर ला नीना मेहरबान रहता है। जिस कारण बर्फबारी का मौसम सर्दियों में बने रहने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। नैनीताल व मुक्तेश्वर सरीखे ऊंचाई वाले क्षेत्रों में मौसम हिमपात के अनुकूल रहेगा और हिमपात के आसार बने रहेंगे।
मैदानी क्षेत्रों में शीतलहर का प्रभाव बना रहेगा। जिस कारण ठंड में इजाफा होगा। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने देश में ला नीना का असर वर्ष के अंत या 2025 की शुरुआत में दिखाई देने का पूर्वानुमान जताया था और इसके शक्तिशाली होने से सर्दियां अधिक सर्द रहने की संभावना बताई थी।