वक्फ बिल पर JPC रिपोर्ट को लेकर संसद में हंगामा, विपक्ष का वॉकआउट

नई दिल्ली : संसद के बजट सत्र के पहले चरण के आखिरी दिन वक्फ (संशोधन) विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की रिपोर्ट को लेकर विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया और राज्यसभा से वॉकआउट कर दिया। बीजेपी सांसद मेधा कुलकर्णी ने जेपीसी की रिपोर्ट राज्यसभा में पेश की, जिस पर विपक्ष ने सवाल उठाए। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने रिपोर्ट को “फर्जी और असंवैधानिक” करार दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि रिपोर्ट से विपक्ष की असहमति को डिलीट कर दिया गया। आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने भी नाराजगी जताते हुए कहा, “हमारी राय पर असहमति हो सकती है, लेकिन उसे कूड़ेदान में कैसे फेंका जा सकता है?”

जेपीसी रिपोर्ट पर उठे सवाल

विपक्षी सांसदों का दावा है कि जेपीसी की रिपोर्ट से महत्वपूर्ण आपत्तियों को हटा दिया गया। कांग्रेस सांसद सैयद नसीर हुसैन ने 2 फरवरी को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर कुछ पेज साझा कर आरोप लगाया था कि उनके असहमति नोट के कुछ हिस्सों को बिना जानकारी के हटा दिया गया।

जेपीसी ने 30 जनवरी को यह 655 पन्नों की रिपोर्ट लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को सौंपी थी। इसमें 16 सदस्यों ने समर्थन दिया, जबकि 11 ने विरोध किया।

भाजपा ने विपक्ष के आरोपों को खारिज किया

भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने विपक्ष पर “देश तोड़ने की साजिश” का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि विपक्ष का मकसद सिर्फ हंगामा करना है। संसदीय कार्य मंत्री ने कहा, “जेपीसी अध्यक्ष को रिपोर्ट में बदलाव करने का अधिकार है, और कुछ भी डिलीट नहीं किया गया।”

अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने भी कहा, “जेपीसी चेयरमैन से बात की गई है, रिपोर्ट से कुछ नहीं हटाया गया है।”

लोकसभा की कार्यवाही स्थगित

हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही सिर्फ पांच मिनट चल सकी और दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दी गई। इस बीच, कांग्रेस सांसदों की एक आपात बैठक बुलाई गई, जिसमें राहुल गांधी और प्रियंका गांधी भी शामिल हुईं।

विपक्ष की मांग

मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्यसभा में मांग की कि “रिपोर्ट को दोबारा पेश किया जाए और विपक्षी सदस्यों की आपत्तियों को शामिल किया जाए।” उन्होंने इसे संसदीय प्रक्रिया का उल्लंघन बताया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *