- प्रदीप रावत ‘रवांल्टा’
हाकम सिंह रावत की तस्वीरें तो आपको याद ही होंगी। उसकी तस्वीरें देखकर ऐसा लगता था मानो वह किसी राजघराने का राजकुमार हो, लेकिन सच्चाई यह थी कि वह नकल माफिया था। हाकम को लोग भूलने लगे थे, लेकिन जितेंद्र की आत्महत्या ने हाकम जैसे कालनेमियों की याद फिर से दिला दी। हाकम का मामला भले ही पूरी तरह से नकल माफिया का हो, लेकिनदोनों में एक समानता जरूर है, वह है बड़े-बड़े नेताओं के साथ खींची गई तस्वीरें…।
हीमांशु चमोली भी इन्हीं तस्वीरों के जरिए लोगों को झांसे में लेता रहा। जितेंद्र भी उसका शिकार ऐसे ही बना होगा! जितेंद्र ने शायद इसलिए मौत को गले लगाया होगा, कि हिमांशु ने उसे बड़े-बड़े नेताओं के साथ अपनी तस्वीरों का रौब दिखाया होगा। अब बात पुलिस के हाथ है। वही बताएगी कि क्या हिमांशु के जाल में एक ही जितेंद्र था या और भी कोई उसके जाल में फंसा हुआ था?
सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि जिस तरह से जितेंद्र को लूटा गया, ऐसे कई और जितेंद्र भी लूटे, डराए और धमकाए जा रहे होंगे! हिमांशु चमोली की तस्वीरें भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से लेकर कैलाश विजयवर्गीय, अनिल बलूनी, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, पूर्व सीएम त्रिवेंद्र और पूर्व सीएम निशंक तक के साथ सोशल मीडिया पर तैर रही हैं। यही तस्वीरें इन कालनेमियों का हथियार और कवच होती हैं। नेताओं को भी सोचना होगा कि कहीं, उनके आसपास कोई कालनेमी तो नहीं है?
धामी सरकार ने ऑपरेशन कालनेमी चलाया था। अब भी चल रहा होगा। लेकिन, ऐसे लगता है कि यह ऑपरेशन अभी भी अधूरा है, क्योंकि हिमांशु चमोली जैसे कालनेमी अभी भी सत्ता के गलियारों में बेखौफ घूम रहे हैं। ऐसे कालनेमियों के खिलाफ भी एक ऑपरेशन चलाने की जरूरत है।
ऐसे कई अन्य कालनेमी भी सत्ता के आसपास मंडरा रहे हैं। उनसे जितेंद्र जैसे आम युवाओं को, आपको-हमको सबको खतरा है। उस खतरे से आपको खुद बचना होगा। कहीं ऐसा न हो कि कोई कालनेमी आपको ठग ले और फिर कहीं आप भी जितेंद्र की तरह…!
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