सलाखों के पीछे बड़कोट नगर पालिका अध्यक्ष विनोद डोभाल, यमुनोत्री विधायक का भाई

बड़कोट: सत्ता और माफिया के गठजोड़ का खौफनाक चेहरा बड़कोट में सामने आया, जब बड़कोट नगर पालिका अध्यक्ष विनोद डोभाल को अवैध खनन की शिकायत इतनी नागवार गुजरी कि उसने अपने साथी नकल माफिया हाकम सिंह के साथ पहले भी जेल की हवा खा चुके अंकित रमोला के साथ मिलकर भाजपा कार्यकर्ता को कुचलने का प्रयास कर दिया।

घटना उस वक्त घटी, जब बड़कोट पुलिस और बड़कोट तहसील के नायब तहसीलदार भी मौके पर मौजूद थे। यह स्पष्ट करता है कि सत्ता में बैठे लोग और माफिया किस हद तक अपने काले कारनामों को दबाने के लिए कानून की धज्जियां उड़ाने से पीछे नहीं हटते।

बड़कोट में लंबे समय से अवैध खनन को लेकर शिकायतें आ रही थीं। भाजपा कार्यकर्ता प्रवीन रावत ने जब इस मामले को उठाया, तो यह बात विनोद डोभाल को रास नहीं आई। वह पहले से ही विवादों में घिरे रहे हैं और अब उन पर गंभीर आरोप लगे हैं।

सूत्रों के मुताबिक, भाजपा मंडल महामंत्री पर हमले की योजना पहले से बनाई गई थी। जब वे अपनी शिकायतों को लेकर मौके पर पहुंचे, तो अचानक वाहन चढ़ाकर उन्हें कुचलने की कोशिश की गई। हालांकि, प्रशासनिक अमले और पुलिस की मौजूदगी के कारण यह हमला असफल रहा, लेकिन इस घटना ने सत्ता और अपराध के गठजोड़ की पोल खोल दी।

इस घटना के बाद पुलिस ने विनोद डोभाल और अंकित रमोला के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया और जेल भेज दिया. ऐसे मामलों का सामने आना यह बताता है कि उत्तरकाशी में संगठित अपराध और राजनीतिक गठजोड़ किस तरह से जड़ें जमा चुका है। इस हमले के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं और स्थानीय जनता में भारी रोष है।

बड़कोट पुलिस का कहना है कि मामले की जांच गहराई से की जा रही है और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। लेकिन सवाल उठता है कि जब सत्ता से जुड़े लोग ही कानून को ताक पर रखकर अपराधियों से गठजोड़ करने लगें, तो फिर आम जनता किससे न्याय की उम्मीद करे?

यह घटना उत्तराखंड की राजनीति और प्रशासन में गहराई से जड़ जमा चुके भ्रष्टाचार और अपराध के गठजोड़ को उजागर करती है। अब देखना यह होगा कि क्या सरकार इस मामले में निष्पक्ष कार्रवाई करती है या फिर यह मामला भी समय की धूल में दबकर रह जाएगा।

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