सुरंग हादसे में बचाव अभियान जारी, फंसे लोगों के बचने की उम्मीद बेहद कम

हैदराबाद: तेलंगाना के श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (एसएलबीसी) सुरंग हादसे में फंसे आठ लोगों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। दो दिन पहले सुरंग के निर्माणाधीन हिस्से का एक भाग ढह गया था, जिसके बाद से मजदूर और इंजीनियर अंदर फंसे हुए हैं। हालांकि, राज्य के मंत्री जुपल्ली कृष्णा राव ने सोमवार को स्वीकार किया कि उनके जीवित बचने की संभावना अब बेहद कम है।

उत्तराखंड के ‘रैट माइनर्स’ की टीम शामिल

बचाव कार्य को तेज करने के लिए उत्तराखंड के सिल्कयारा सुरंग रेस्क्यू ऑपरेशन में अहम भूमिका निभाने वाली ‘रैट माइनर्स’ की टीम को बुलाया गया है। मंत्री राव के मुताबिक, सुरंग में कीचड़ और भारी मलबे के कारण बचाव कार्य अत्यधिक चुनौतीपूर्ण हो गया है, जिससे फंसे हुए लोगों तक पहुंचने में कम से कम तीन से चार दिन का समय लग सकता है।

सुरंग में 25 फीट तक पानी और मलबा जमा

मंत्री कृष्णा राव ने घटनास्थल का दौरा करने के बाद बताया कि नौ मीटर व्यास वाली सुरंग में 30 फीट में से 25 फीट तक कीचड़ भरा हुआ है। जब उन्होंने बचाव दल के साथ सुरंग के भीतर लोगों को आवाज दी, तो कोई जवाब नहीं मिला। उन्होंने कहा, “हमारी तस्वीरों में सुरंग का अंत दिख रहा था, लेकिन वहां पूरी तरह से कीचड़ और पानी जमा था। ऐसे में उनके जीवित बचने की संभावना बेहद कम नजर आ रही है।”

भारी मशीनरी से हटाया जा रहा मलबा

बचाव कार्य के तहत सुरंग से मलबा निकालने और ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करने की कोशिश की जा रही है। हादसे के वक्त सुरंग में मौजूद टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम), जिसका वजन सैकड़ों टन है, ढहने के बाद पानी के तेज बहाव में लगभग 200 मीटर तक बह गई थी।

‘कन्वेयर बेल्ट’ से निकाला जाएगा मलबा

बचाव दल अब ‘कन्वेयर बेल्ट’ प्रणाली को पुनः चालू करने की कोशिश कर रहा है ताकि तेजी से मलबा हटाया जा सके। हालांकि, मंत्री राव ने स्पष्ट किया कि मौजूदा हालात को देखते हुए फंसे हुए लोगों को निकालने में अभी भी तीन-चार दिन का समय लग सकता है।

फंसे हुए लोगों की पहचान

सुरंग में फंसे आठ लोगों की पहचान उत्तर प्रदेश के मनोज कुमार और श्री निवास, जम्मू-कश्मीर के सनी सिंह, पंजाब के गुरप्रीत सिंह और झारखंड के संदीप साहू, जेगता जेस, संतोष साहू और अनुज साहू के रूप में हुई है। इनमें से दो इंजीनियर, दो ऑपरेटर और चार मजदूर शामिल हैं।

बचाव अभियान जारी

तेलंगाना सरकार, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और अन्य एजेंसियां बचाव कार्य में लगी हुई हैं। सुरंग में पानी और कीचड़ जमा होने के कारण अभियान बेहद कठिन हो गया है, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि हर संभव प्रयास किया जा रहा है। अब सभी की निगाहें इस ऑपरेशन पर टिकी हैं कि क्या कोई चमत्कार हो सकता है।

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