सोनप्रयाग में सुरक्षित निकाले गए 40 तीर्थयात्री, यमुनोत्री हाईवे खोलने का काम जारी

रुद्रप्रयाग/उत्तरकाशी। राज्य में लगातार हो रही बारिश ने चारधाम यात्रा को एक बार फिर बाधित कर दिया है। रुद्रप्रयाग जिले में श्री केदारनाथ धाम से लौट रहे श्रद्धालु देर रात सोनप्रयाग के पास अचानक हुए भूस्खलन की चपेट में आ गए। रात करीब 10 बजे भूस्खलन के कारण रास्ता बंद हो गया और लगभग 40 तीर्थयात्री मलबे में फंस गए। सूचना मिलते ही SDRF की टीम मौके पर पहुंची और रातभर रेस्क्यू अभियान चलाकर सभी श्रद्धालुओं को सुरक्षित निकाल लिया गया। तीर्थयात्रियों को प्राथमिक चिकित्सा देने के साथ सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया।

इधर, यमुनोत्री हाईवे पर सिलाई बैंड के पास बादल फटने की घटना के बाद राहत कार्य लगातार चौथे दिन भी जारी है। इस मार्ग पर अभी भी वाहनों की आवाजाही ठप है, हालांकि पैदल आवाजाही धीरे-धीरे शुरू कर दी गई है। बुधवार को स्यानाचट्टी और जानकीचट्टी के बीच फंसे करीब 254 यात्रियों को प्रशासन ने रेस्क्यू कर बड़कोट पहुंचाया। लापता सात लोगों की तलाश के लिए एनडीआरएफ की टीम स्निफर डॉग्स की मदद से खोज अभियान चला रही है।

सिलाई बैंड के पास भूस्खलन और ओजरी क्षेत्र में उफनते नालों ने करीब 20 से 25 मीटर सड़क को बहा दिया है, जिससे यमुनोत्री हाईवे बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। एनएच विभाग सड़क की मरम्मत में जुटा है, लेकिन ओजरी के पास हार्ड रॉक के कारण मशीनों को कठिनाई हो रही है।

डीएम प्रशांत आर्य ने जानकारी दी कि प्रशासन की पूरी टीम मार्ग बहाली और यात्रियों की सहायता में लगी है। जल्द ही वाहनों की आवाजाही बहाल करने का प्रयास किया जा रहा है। साथ ही कुपड़ा मोटर मार्ग पर भी छोटे वाहनों की आवाजाही शुरू करने की योजना है। खाद्य आपूर्ति विभाग ने विभिन्न स्थानों पर यात्रियों के लिए भोजन और राहत शिविरों की व्यवस्था की है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और आईटीबीपी मिलकर राहत एवं बचाव कार्यों को युद्धस्तर पर चला रहे हैं।

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