देहरादून : राज्य में विद्यालयी शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है। विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने मंगलवार को अपने शासकीय आवास पर विभागीय समीक्षा बैठक के दौरान निर्देश दिए कि लम्बे समय से अनुपस्थित शिक्षकों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने ऐसे शिक्षकों को चिह्नित कर उनके खिलाफ बर्खास्तगी की कार्यवाही करने को कहा है।
बोर्ड परीक्षाएं होंगी पारदर्शी और नकलविहीन
बैठक में मंत्री ने प्रदेशभर में 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को नकलविहीन और पारदर्शी तरीके से आयोजित करने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को परीक्षा के दौरान किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतने की सख्त चेतावनी दी। संवेदनशील एवं अति संवेदनशील परीक्षा केंद्रों पर विशेष सतर्कता बरतने और परीक्षा प्रक्रिया की निगरानी के लिए प्रभावी उपाय करने को कहा गया है। डॉ. रावत ने निर्देश दिया कि बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम भी तय समय पर घोषित किए जाएं ताकि छात्रों का भविष्य प्रभावित न हो। उन्होंने कहा कि सरकार शिक्षा प्रणाली में सुधार और कदाचार मुक्त परीक्षा व्यवस्था लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है।
नियुक्ति प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश
बैठक में सीआरपी (क्लस्टर रिसोर्स पर्सन), बीआरपी (ब्लॉक रिसोर्स पर्सन) और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की नियुक्ति प्रक्रिया को शीघ्र पूरा करने के भी निर्देश दिए गए। मंत्री ने इस प्रक्रिया में हो रही देरी पर अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा कि इससे शिक्षा व्यवस्था प्रभावित हो रही है और छात्र-छात्राओं के शिक्षण कार्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।
शिक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने की योजना
मंत्री ने प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा में शीघ्र शिक्षकों की तैनाती, अंतरमंडलीय स्थानांतरण, क्लस्टर विद्यालयों के संचालन और पीएम-श्री विद्यालयों के निर्माण कार्यों में तेजी लाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की कमी और प्रशासनिक लापरवाही के कारण छात्रों की शिक्षा प्रभावित नहीं होनी चाहिए। डॉ. रावत ने कहा कि प्रदेश सरकार शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और लापरवाही बरतने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे स्कूलों में अनुशासन सुनिश्चित करें और छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करने के लिए पूरी तत्परता से कार्य करें।
सरकार की सख्ती से शिक्षा व्यवस्था में सुधार की उम्मीद
प्रदेश सरकार के इन कड़े कदमों से उम्मीद की जा रही है कि लापरवाह शिक्षकों पर कार्रवाई से स्कूलों में अनुशासन बढ़ेगा, शिक्षकों की जवाबदेही तय होगी और छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सकेगी। साथ ही, बोर्ड परीक्षाओं में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित होने से विद्यार्थियों का भविष्य सुरक्षित रहेगा।
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