भागलपुर : बिहार के भागलपुर में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की छापेमारी से हड़कंप मच गया है। इशाकचक थाना क्षेत्र के भीखनपुर में स्थित नजरे सद्दाम के घर पर NIA ने बुधवार सुबह दबिश दी, जहां देशविरोधी संगठनों और जाली नोटों के काले कारोबार से जुड़े अहम सबूत मिले हैं। दिल्ली और पटना से पहुंची NIA टीम ने स्थानीय पुलिस के सहयोग से यह कार्रवाई की।
NIA की छापेमारी और जब्त दस्तावेज
NIA टीम ने नजरे सद्दाम के पिता मुहम्मद मसिउज्जमा और परिवार के अन्य सदस्यों से गहन पूछताछ की। इस दौरान टीम को जाली नोटों से जुड़े दस्तावेज, संदिग्ध लेन-देन के रिकॉर्ड और विस्फोटकों से संबंधित अहम जानकारियां मिलीं। जांच एजेंसी को शक है कि नजरे सद्दाम के तार पाकिस्तानी एजेंटों और कश्मीर में सक्रिय आतंकवादी संगठनों से जुड़े हो सकते हैं।
NIA को क्यों करना पड़ा छापा?
इस छापेमारी की जड़ें 5 सितंबर 2024 की एक बड़ी कार्रवाई से जुड़ी हैं। उस समय, मोतिहारी पुलिस ने जाली नोटों की तस्करी के मामले में नजरे सद्दाम समेत तीन तस्करों को गिरफ्तार किया था। उनके पास से 500 रुपये के तीन सौ जाली नोट (कुल 1.95 लाख रुपये) बरामद किए गए थे। जांच में खुलासा हुआ था कि नजरे सद्दाम ने कश्मीर के अनंतनाग में एक संदिग्ध व्यक्ति मुहम्मद सरफराज को जाली नोटों की आपूर्ति की थी, जो आतंकवादी संगठनों से जुड़ा था।
नेपाल के रास्ते पाकिस्तान से कनेक्शन!
NIA की जांच में यह भी सामने आया है कि नजरे सद्दाम नेपाल के भोरे गांव में पाकिस्तानी एजेंटों से मुलाकात करता था। वहीं से उसे जाली नोटों की खेप मिलती थी, जिसे वह बॉर्डर पार कर कश्मीर के अनंतनाग तक पहुंचाता था। सरफराज और अन्य आतंकी संगठनों से जुड़कर वह इस गोरखधंधे का अहम हिस्सा बन चुका था।
कश्मीर तक फैला था नेटवर्क
NIA के सूत्रों के अनुसार, नजरे सद्दाम नेपाल में संतोष सहनी नामक व्यक्ति से नकली नोट लेकर कश्मीर के अनंतनाग में सरफराज को डिलीवरी देता था। कश्मीर में ये जाली नोट आतंकी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किए जाते थे। इसके अलावा, नजरे का करीबी दोस्त वर्क मुमताज भी आतंकियों के नेटवर्क में शामिल था, जिसे लेकर पहले भी पूछताछ की जा चुकी है।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
बुधवार सुबह जब NIA की टीम भागलपुर के भीखनपुर पहुंची, तो इलाके में खलबली मच गई। बड़ी मस्जिद लेन के आसपास लोग घरों की छतों से कार्रवाई को देखते रहे। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए भागलपुर SSP हृदय कांत और इशाकचक थाना अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार की देखरेख में भारी पुलिस बल तैनात किया गया था।