जानकीचट्टी में यमुनोत्री धाम की गरिमा बचाने को विजयपाल रावत ने किया मौन सत्याग्रह

जानकीचट्टी (उत्तरकाशी): पवित्र यमुनोत्री धाम के मुख्य पड़ाव जानकीचट्टी में आज एक अनूठा और प्रतीकात्मक “मौन सत्याग्रह आंदोलन” आयोजित किया गया। इस आंदोलन के माध्यम से क्षेत्रीय जनता ने तीर्थस्थल की गरिमा और यात्रियों की सुरक्षा को लेकर पाँच प्रमुख मांगें प्रशासन के समक्ष रखीं।

इस शांतिपूर्ण लेकिन प्रभावशाली आंदोलन को यमुनोत्री क्षेत्र के चर्चित समाजसेवी महावीर पंवार “माही” का सक्रिय समर्थन प्राप्त हुआ। उनके साथ कई स्थानीय युवा और सामाजिक कार्यकर्ता भी एकजुट दिखे।

आंदोलन की पांच सूत्रीय मांगे

1. राना चट्टी में स्थित शराब की दुकान को तत्काल बंद करने की मांग की गई, जिसे श्रद्धालुओं की आस्था के विरुद्ध माना गया।

2. जानकीचट्टी में अवैध शराब, मीट, मांस और अंडे की बिक्री पर सख्त रोक लगाने और तत्काल कार्रवाई की मांग रखी गई।

3. जिला पंचायत द्वारा वसूले जा रहे बीमा शुल्क के बावजूद यात्रा में मारे गए घोड़ा-खच्चरों के परिजनों को 50,000 रुपए की बीमा राशि अब तक न मिलने पर नाराज़गी जताई गई और तत्काल भुगतान की मांग की गई।

4. डंडी-कंडी/घोड़ा-खच्चर सेवा में डेली रोटेशन प्रणाली को पारदर्शिता और ईमानदारी से लागू करने की मांग भी सामने आई।

5. यमुनोत्री धाम के लिए मास्टर प्लान, जिसमें केदारनाथ और बद्रीनाथ की तर्ज पर मंदिर परिसर का विकास, आधुनिक पार्किंग स्थल, यमुना तट पर स्नान घाट और बाढ़ सुरक्षा जैसे कार्यों को शामिल करने की पुरज़ोर अपील की गई।

क्या तीर्थस्थलों की पवित्रता और पर्यावरणीय संतुलन की रक्षा के लिए प्रशासन गंभीर कदम उठाएगा? क्या इस शांत विरोध की गूंज सरकार के कानों तक पहुँचेगी? अब गेंद प्रशासन के पाले में है। यमुनोत्री की आवाज़ें मौन में भी बहुत कुछ कह रही हैं।

इस अवसर पर महावीर पंवार “माही”, युवा कांग्रेस जिलाध्यक्ष आशिष कुमार, अरविंद रावत, रिषभ कुमार, गौतम पंवार, सुनिल दास आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

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