मध्य प्रदेश के आदिवासी विकास मंत्री विजय शाह द्वारा भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी ने सियासी तूफान खड़ा कर दिया है। शाह ने कुरैशी को “आतंकवादियों की बहन” कहकर संबोधित किया था, जिसे मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने “कैंसर जैसा और खतरनाक” करार देते हुए कड़ी फटकार लगाई। हाईकोर्ट ने डीजीपी को शाह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया, जिसके बाद बुधवार देर रात मानपुर थाने में उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया। इसके जवाब में शाह ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया और एफआईआर पर रोक लगाने की मांग की। सुप्रीम कोर्ट ने शाह को फटकार लगाते हुए कहा, “आप संवैधानिक पद पर हैं, फिर भी ऐसी भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं। आपको अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए।”
हाईकोर्ट की तल्ख टिप्पणी
हाईकोर्ट की जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस अनुराधा शुक्ला की खंडपीठ ने शाह के बयान को “गटरछाप” और अस्वीकार्य बताया। कोर्ट ने कहा कि कर्नल कुरैशी को पहलगाम हमले के आतंकियों की बहन कहना अलगाववादी गतिविधियों को बढ़ावा देने वाला और भारत की एकता व अखंडता के लिए खतरा है। कोर्ट ने सशस्त्र बलों को देश की आखिरी ऐसी संस्था बताया, जो ईमानदारी, अनुशासन, त्याग, बलिदान और साहस का प्रतीक है।
कर्नल कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर की प्रगति के बारे में मीडिया को जानकारी दी थी, और शाह ने उनके सम्मान को ठेस पहुंचाई। कोर्ट ने आगे कहा कि कुरैशी के मुस्लिम होने के कारण उन्हें आतंकियों की बहन कहकर उनकी निस्वार्थ सेवा और कर्तव्यों का उपहास किया गया। यह बयान धार्मिक आधार पर भेदभाव को बढ़ावा देता है और देश की एकता को कमजोर करता है।
बीजेपी में असहजता, इस्तीफे की मांग
विवाद के बाद बीजेपी संगठन ने शाह को भोपाल तलब किया। सूत्रों के अनुसार, शाह को पार्टी कार्यालय में वरिष्ठ नेताओं ने फटकार लगाई। शाह ने माफी मांगते हुए कुरैशी को “सगी बहन से बढ़कर” बताया, लेकिन यह माफी नाकاफी साबित हुई। बुधवार देर रात मुख्यमंत्री मोहन यादव के बेंगलुरु दौरे से लौटने के बाद उनके निवास पर हुई बैठक में प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा और अन्य नेताओं ने शाह से इस्तीफे की मांग की। हालांकि, शाह ने इस्तीफा देने से इनकार कर हाईकोर्ट में पक्ष रखने के लिए समय मांगा।
मुख्यमंत्री यादव ने एक्स पर कहा कि हाईकोर्ट के निर्देशों का पालन सुनिश्चित किया जाएगा। इस बीच, पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने भी शाह की तत्काल बर्खास्तगी और एफआईआर की मांग की। प्रदेश भर में शाह के बयान के खिलाफ प्रदर्शन हुए, और सामाजिक व राजनीतिक हलकों में तीखी नाराजगी देखी गई।
राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रियाएं
शाह के बयान ने बीजेपी के लिए नई मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। विपक्षी दलों, खासकर कांग्रेस ने इसे सैन्य सम्मान और राष्ट्रीय एकता पर हमला करार दिया। कांग्रेस नेताओं ने शाह के पिछले विवादों का जिक्र करते हुए उनकी सांप्रदायिक मानसिकता पर सवाल उठाए। सोशल मीडिया पर भी शाह की टिप्पणी की कड़ी निंदा हुई, और कर्नल कुरैशी के प्रति व्यापक समर्थन देखा गया।