नई टिहरी : समान नागरिक संहिता (UCC) के कुछ प्रावधानों को लेकर भू भूम्याल जागृति मंच, टिहरी ने कड़ा विरोध जताया है। संगठन ने जिलाधिकारी टिहरी के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा, जिसमें UCC के कुछ बिंदुओं पर गंभीर आपत्ति दर्ज की गई। जिलाधिकारी कार्यालय में तहसीलदार टिहरी ने ज्ञापन प्राप्त किया।
प्रमुख आपत्तियां
- राज्य में एक वर्ष के भीतर आए लोगों को निवासी का अधिकार देने का प्रावधान: संगठन का कहना है कि यह उत्तराखंड के मूल निवासियों के अधिकारों को प्रभावित कर सकता है और जनसांख्यिकी असंतुलन पैदा करेगा।
- लिव-इन रिलेशनशिप हेतु पंजीकरण का प्रावधान: मंच ने इसे “देवभूमि की सांस्कृतिक पवित्रता पर सीधा आघात” बताया और कहा कि यह प्रदेश की परंपराओं और सामाजिक मूल्यों के खिलाफ है।
जनआंदोलन की चेतावनी
मंच ने सरकार से आग्रह किया कि वह प्रदेश की सांस्कृतिक और सामाजिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इन प्रावधानों पर पुनर्विचार करे। साथ ही, मंच ने चेतावनी दी कि यदि इन बिंदुओं को वापस नहीं लिया गया, तो राज्यव्यापी आंदोलन किया जाएगा।
इस विरोध प्रदर्शन में विभिन्न सामाजिक संगठनों, बुद्धिजीवियों और आम नागरिकों ने भाग लिया। संगठन के संयोजक देवेंद्र नौडियाल (मोनू) के नेतृत्व में बड़ी संख्या में लोग जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे। प्रमुख हस्तियों में अमित पंत, राकेश भूषण गोदियाल, सूरज राणा, नरेंद्र रमोला, ज्योति प्रसाद भट्ट, मुशर्रफ अली, सोबन सिंह नेगी, श्रीपाल चौहान, कमल सिंह महर, दर्शनी रावत, महावीर उनियाल, गंगा भगत नेगी, लखवीर चौहान, राजेन्द्र असवाल, शक्ति प्रसाद जोशी, मान सिंह रौतेला, गबर सिंह रावत, संतोष आर्य, बीरेंद्र दत्त, हरि सिंह मखलोगा, बिजेंद्र सिंह नेगी, पुरुषोत्तम थलवाल, रवीश उनियाल, आशा रावत, ममता उनियाल आदि शामिल रहे।