देहरादून: उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की ओर से आयोजित स्नातक स्तरीय प्रतियोगिता परीक्षा में नकल की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार ने इस मामले की जांच न्यायिक निगरानी में कराने का फैसला किया है। इसके लिए उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय, नैनीताल के पूर्व न्यायाधीश, सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति बी.एस. वर्मा को जांच का पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है।
गृह सचिव शैलेश बगौली द्वारा जारी कार्यालय ज्ञापन में कहा गया है कि न्यायमूर्ति बी.एस. वर्मा विशेष अन्वेषण दल (SIT) द्वारा की जा रही जांच की गहन निगरानी करेंगे। वे यह सुनिश्चित करेंगे कि जांच प्रक्रिया पूरी तरह निष्पक्ष, पारदर्शी और तथ्यों पर आधारित हो। उन्हें प्रदेश के विभिन्न जिलों का दौरा कर शिकायतों और सूचनाओं का संज्ञान लेने तथा SIT को मार्गदर्शन प्रदान करने का अधिकार भी दिया गया है।
राज्य सरकार ने पांच सदस्यीय SIT का गठन किया है, जिसकी अध्यक्षता देहरादून की पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) जया बलूनी करेंगी। यह दल पूरे उत्तराखण्ड में नकल से संबंधित प्रकरणों की गहन जांच करेगा। SIT को स्वतंत्र रूप से तथ्यों की पड़ताल करने और दोषियों को चिह्नित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
The post UKSSSC पेपर लीक कांड : हाईकोर्ट के पूर्व जज बी.एस. वर्मा की निगरानी में होगी जांच first appeared on headlinesstory.