November 23, 2025

क्या है अनुच्छेद 240? चंडीगढ़ को इसके दायरे में लाने के केंद्र के प्रस्ताव पर पंजाब में क्यों मचा बवाल?

0
Pahad-Samachar.png

चंडीगढ़ : केंद्र सरकार के एक प्रस्तावित संशोधन ने पंजाब की सियासत में भूचाल ला दिया है। संसद के शीतकालीन सत्र (1 दिसंबर से शुरू) में पेश होने वाले संविधान (131वां संशोधन) विधेयक, 2025 के जरिए केंद्र चंडीगढ़ को संविधान के अनुच्छेद 240 के दायरे में लाने की तैयारी कर रहा है। इससे राष्ट्रपति को चंडीगढ़ के लिए सीधे नियम बनाने और कानून लागू करने का अधिकार मिल जाएगा, जिससे शहर का प्रशासन पूरी तरह केंद्र के अधीन हो सकता है।

वर्तमान में चंडीगढ़ पंजाब और हरियाणा की संयुक्त राजधानी है, और इसका प्रशासन पंजाब के राज्यपाल ही संभालते हैं (1984 से यह व्यवस्था चली आ रही है)। अनुच्छेद 240 लागू होने पर अलग लेफ्टिनेंट गवर्नर (एलजी) या स्वतंत्र प्रशासक की नियुक्ति हो सकती है, जो पंजाब के दावे को कमजोर करेगा।

अनुच्छेद 240 क्या है?

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 240 राष्ट्रपति को कुछ केंद्र शासित प्रदेशों (जिनकी अपनी विधानसभा नहीं होती) के लिए शांति, प्रगति और सुशासन सुनिश्चित करने हेतु विनियम (रेगुलेशन) बनाने की शक्ति देता है। ये विनियम संसद के कानून जितने ही प्रभावी होते हैं और मौजूदा कानूनों को संशोधित या निरस्त भी कर सकते हैं।

वर्तमान में यह अनुच्छेद इन केंद्र शासित प्रदेशों पर लागू है:

  • अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह
  • लक्षद्वीप
  • दादरा एवं नगर हवेली और दमन एवं दीव
  • पुडुचेरी (जब विधानसभा भंग या निलंबित हो)

चंडीगढ़ अभी तक इस दायरे में नहीं है, इसलिए यहां पंजाब का राज्यपाल ही प्रशासक की भूमिका निभाता है। केंद्र का प्रस्ताव इसे अन्य यूटी की तरह सामान्य केंद्र शासित प्रदेश बनाने का है।

पंजाब में क्यों भड़का विरोध?

पंजाब के सभी प्रमुख दलों – आम आदमी पार्टी (AAP), कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल (SAD) – ने इसे पंजाब पर हमला करार दिया है। उनका कहना है कि चंडीगढ़ मूल रूप से पंजाब की राजधानी है (1966 के पंजाब पुनर्गठन अधिनियम के तहत बनाई गई), और यह कदम राज्य के ऐतिहासिक, संवैधानिक और भावनात्मक अधिकारों को छीनने की साजिश है।

मुख्य प्रतिक्रियाएं:

मुख्यमंत्री भगवंत मान (AAP): इसे “दिनदहाड़े डकैती” और “पंजाब की राजधानी छीनने की साजिश” बताया। कहा – “चंडीगढ़ था, है और हमेशा पंजाब का हिस्सा रहेगा।”

अरविंद केजरीवाल (AAP): “पंजाब की पहचान और अधिकारों पर सीधा हमला। सभी पंजाबी दलों को एकजुट होकर विरोध करना चाहिए।”

सुखबीर सिंह बादल (SAD): “संघीय ढांचे पर हमला, पंजाब के साथ विश्वासघात। केंद्र ने चंडीगढ़ पंजाब को देने के वादे किए थे, अब उल्टा कर रहा है।”

कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा और अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग: “पंजाब विरोधी एजेंडा खुलकर सामने आ गया। चंडीगढ़ छीनने की कोशिश के गंभीर परिणाम होंगे।”

पंजाब के नेता इसे राजीव-लोंगोवाल समझौते (1985) और अन्य पुराने वादों का उल्लंघन बता रहे हैं, जहां चंडीगढ़ को पंजाब देने का आश्वासन दिया गया था।

केंद्र का पक्ष ?

केंद्र की ओर से अभी आधिकारिक बयान नहीं आया, लेकिन कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि यह प्रशासनिक सुगमता के लिए है – जैसे चंडीगढ़ में संपत्ति नियम, भवन उल्लंघन आदि में बदलाव के लिए संसद की मंजूरी की जरूरत न पड़े। कुछ भाजपा नेताओं का कहना है कि इससे प्रशासन तेज होगा, पंजाब का दावा प्रभावित नहीं होगा।

The post क्या है अनुच्छेद 240? चंडीगढ़ को इसके दायरे में लाने के केंद्र के प्रस्ताव पर पंजाब में क्यों मचा बवाल? first appeared on headlinesstory.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed