श्रीनगर : भारतीय सेना के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों पर हवाई हमलों के बाद जम्मू-कश्मीर में तनाव बढ़ गया है। इस स्थिति को नियंत्रित करने और निगरानी के लिए कश्मीर के 10 जिलों में कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं। श्रीनगर में डिप्टी कमिश्नर बिलाल मोहिउद्दीन भट के आदेश पर जिला आपातकालीन संचालन केंद्र (DEOC) में एक संयुक्त कंट्रोल रूम बनाया गया है, जिसकी देखरेख जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) कर रहा है।
इन कंट्रोल रूमों का उद्देश्य सीमा पर पाकिस्तान की ओर से हो रही गोलीबारी और तनावपूर्ण स्थिति पर नजर रखना है। पुंछ जिले में पाकिस्तानी गोलीबारी में कम से कम 12 नागरिकों की मौत और 42 अन्य के घायल होने की खबर है। कश्मीर घाटी में बुधवार को तनावपूर्ण शांति रही। अनंतनाग, कुलगाम, पुलवामा, शोपियां, श्रीनगर, बडगाम और गांदरबल में सरकारी कार्यालय और स्कूल खुले रहे, लेकिन बारामूला, कुपवाड़ा और बांदीपोरा में स्कूल बंद कर दिए गए। बाजारों और सड़कों पर भीड़ सामान्य से कम थी।
प्रशासनिक कदम
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श्रीनगर में कंट्रोल रूम: श्रीनगर में स्थापित केंद्रीय कंट्रोल रूम 24×7 काम कर रहा है। सभी सरकारी कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं।
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जम्मू में कंट्रोल रूम: जम्मू के छह जिलों (सांबा, जम्मू, कठुआ, पुंछ, राजौरी, उधमपुर) में भी कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं, जो स्थिति पर नजर रख रहे हैं। सरकार ने आपातकालीन संपर्क नंबर जारी किए हैं।
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विश्वविद्यालय परीक्षाएं स्थगित: कश्मीर विश्वविद्यालय ने बढ़ते तनाव के कारण मई में होने वाली सभी परीक्षाएं स्थगित कर दी हैं।
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अस्पतालों में सतर्कता: घाटी के अस्पतालों की छतों पर रेड क्रॉस का चिह्न बनाया गया है ताकि हवाई हमलों की स्थिति में नुकसान से बचा जा सके।
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सोशल मीडिया पर प्रतिबंध: पुलिस ने नागरिकों को सुरक्षा बलों की तैनाती या चल रहे अभियानों से संबंधित सामग्री सोशल मीडिया पर साझा करने से मना किया है।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब है, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे। 6-7 मई की रात भारतीय सेना ने पाकिस्तान और PoK में नौ आतंकी ठिकानों, जिसमें जैश-ए-मोहम्मद का बहावलपुर और लश्कर-ए-तैयबा का मुरिदके शिविर शामिल थे, को नष्ट कर दिया। इस कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा (LoC) पर भारी गोलीबारी शुरू की, जिससे सीमावर्ती क्षेत्रों में दहशत फैल गई।
बेंगलुरु और पुणे के कुछ पर्यटकों ने ETV भारत से बातचीत में कहा कि वे भारत-पाकिस्तान युद्ध का समर्थन नहीं करते, लेकिन आतंकियों और उनके आकाओं के खिलाफ जवाबी कार्रवाई जरूरी है। सीमावर्ती गांवों के निवासियों ने पाकिस्तानी हमलों के डर से सुरक्षित स्थानों पर पलायन शुरू कर दिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में ऑपरेशन सिंदूर की सराहना की और आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता की नीति दोहराई। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल ने अमेरिका, ब्रिटेन, सऊदी अरब, जापान, रूस और फ्रांस के समकक्षों से बात कर भारत की गैर-आक्रामक कार्रवाई की जानकारी दी।