देहरादून : उत्तराखंड में अब भवन खरीददारों को संपत्ति बुकिंग से पहले बिल्डर की पूरी पृष्ठभूमि जानने का मौका मिलेगा। उत्तराखंड भूसंपदा नियामक प्राधिकरण (UK RERA) ने सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी (ITDA) के सहयोग से अपना अत्याधुनिक पोर्टल लॉन्च कर दिया है। नया पोर्टल (https://ukrera.uk.gov.in/) सिर्फ सूचना देने वाला नहीं, बल्कि बिल्डर की पांच साल की ‘कुंडली’ खंगालने वाला टूल बन गया है।
रेरा पोर्टल पर अब सभी प्रोजेक्ट्स का तिमाही ऑनलाइन अपडेट अनिवार्य कर दिया गया है। प्रमोटर्स को बताना होगा कि उन्होंने पिछले 5 वर्षों में कितने हाउसिंग और कॉमर्शियल प्रोजेक्ट बनाए, उनकी वर्तमान स्थिति क्या है, और उन पर कोई मुकदमा दर्ज है या नहीं। यह सारी जानकारी बायर्स के लिए खुली रहेगी, जिससे संपत्ति खरीदने से पहले ही वे बिल्डर की विश्वसनीयता को परख सकेंगे।
बिल्डर्स को कॉलोनी या प्रोजेक्ट के लिए आवेदन करते समय कई जरूरी दस्तावेज – ले-आउट प्लान, सीमांकन योजना, नक्शा, राजस्व रिकॉर्ड, पर्यावरण मंजूरी, लागत रिपोर्ट, नॉन-डिफॉल्ट सर्टिफिकेट, अलॉटमेंट लेटर, समझौते की प्रति आदि पोर्टल पर अपलोड करने होंगे। यह सब कुछ बायर्स के लिए दृश्य होगा।
रेरा के सदस्य नरेश सी मठपाल के मुताबिक, अब नए पोर्टल के ज़रिए नियमों का ऑनलाइन अनुपालन सख्ती से सुनिश्चित किया जाएगा। यदि कोई बिल्डर समय पर तिमाही अपडेट नहीं देता, तो रेरा कार्रवाई करेगा।
UK RERA पहली बार 24 अप्रैल को देहरादून में एक कार्यशाला का आयोजन कर रहा है, जिसमें बिल्डर्स, बायर्स, प्रॉपर्टी एजेंट, अधिवक्ता और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स के साथ खुली चर्चा की जाएगी। इसका उद्देश्य है – रेरा कानून के पालन को और मजबूत बनाना। चर्चा से निकले सुझावों को रेरा अपनी नीतियों में शामिल करेगा।
इससे उत्तराखंड में रियल एस्टेट खरीददारों को न सिर्फ जानकारी का अधिकार मिलेगा, बल्कि धोखाधड़ी और अधूरे प्रोजेक्ट्स से भी राहत मिल सकती है। यूके रेरा का यह कदम पारदर्शिता की दिशा में एक बड़ा बदलाव साबित हो सकता है।