देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने एक बार फिर सरकारी कार्यालयों में समयबद्धता और अनुशासन को लेकर बड़ा कदम उठाया है। सचिव विनोद कुमार सुमन द्वारा दिनांक 15 मई 2025 को जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि अब सभी अधिकारी-कर्मचारियों को प्रातः 10:15 बजे तक बायोमेट्रिक प्रणाली के माध्यम से उपस्थिति दर्ज करानी अनिवार्य होगी।
यह निर्णय पूर्व में जारी शासनादेशों के अनुपालन में लिया गया है, जिसमें समय से कार्यालय में उपस्थिति सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए गए थे। अब इसे लेकर मॉनिटरिंग और दंडात्मक कार्रवाई की ठोस व्यवस्था की गई है।
देरी करने पर होगी ये कार्रवाई
- पहली बार मौखिक चेतावनी।
- दूसरी बार लिखित चेतावनी।
- तीसरी बार एक दिन का आकस्मिक अवकाश काटा जाएगा।
- चौथी बार या अधिक अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
इस संबंध में सचिवालय स्तर पर कर्मचारियों के लिए प्रातः 9:45 बजे तक की समयसीमा तय की गई है। संबंधित विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि वे लगातार समीक्षा करते हुए समयपालन न करने वाले कर्मचारियों के विरुद्ध तय प्रक्रिया के अनुसार कार्रवाई सुनिश्चित करें।
शासन ने सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों से अपेक्षा जताई है कि वे निर्धारित समय का पूरी निष्ठा से पालन करें। यदि कोई विशेष परिस्थिति हो तो अधिकारी या कर्मचारी को उसका स्पष्ट कारण बताना होगा। आदेश का उल्लंघन करने पर कोई रियायत नहीं दी जाएगी।
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